लाॅकडाउन में भी गन्ना किसानों को 5,954 करोड़ का भुगतान : सुरेश राणा
लखनऊ। योगी सरकार ने गन्ना किसानों का बकाया 1,12,829 करोड़ का रिकार्ड भुगतान करके उनके जीवन में मिठास लाने में सफलता हासिल की है। यह अब तक इतनी कम अवधि में किये गये भुगतान में सर्वाधिक है। प्रदेश के चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास मंत्री सुरेश राणा ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में विभाग की साढ़े तीन वर्ष की उपलब्धियों के दौरान इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लगभग 45.44 लाख गन्ना आपूर्तिकर्ता किसान है। लगभग 67 लाख गन्ना किसान, गन्ना समितियों एवं चीनी मिल समितियों मे पंजीकृत हैं। गन्ना इन 67 लाख गन्ना किसानों के लगभग 3.35 करोड़ 35 लाख परिजनों की जीविका का आधार एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ भी है। श्री राणा ने कहा कि गन्ना विभाग ने प्रदेश की कुल जीडीपी में 8.45 प्रतिशत एवं कृषि क्षेत्र की जीडीपी में 20.18 प्रतिशत का योगदान दिया है।
देश के कुल चीनी उत्पादन का 47 प्रतिशत एवं गन्ना क्षेत्रफल का 59 प्रतिशत हिस्सा उत्तर प्रदेश का है। गन्ना एवं चीनी उत्पादन में उत्तर प्रदेश लगातार तीन वर्षों से देश में प्रथम स्थान पर है। एथनाॅल ब्लेंडिंग प्रोग्राम के लिए ऑयल कम्पनियों को एथनाॅल की आपूर्ति में उत्तर प्रदेश देश का अग्रणी राज्य है। वर्ष 2019-20 में लगभग 70 करोड़ लीटर एथनाॅल आपूर्ति की गयी है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने विगत साढे़ तीन वर्षों में किसानों को कुल 1,12,829 करोड़ का गन्ना मूल्य भुगतान कराया गया, जो अब तक इतनी कम अवधि में किये गये भुगतान में सर्वाधिक है। इसके साथ ही पिछली सरकार के पांच वर्ष के भुगतान से ये 17,314 करोड़ अधिक भुगतान है। इस भुगतान के चलते ही आज राज्य के गन्ना क्षेत्र में इजाफा हुआ है। लाॅकडाउन अवधि में चीनी मिलों में चीनी बिक्री आदि अत्यंत कम हो जाने के बावजूद इस अवधि में भी गन्ना किसानों को 5,954 करोड़ रुपयं का भुगतान किया गया।
गन्ना मंत्री ने कहा कि इसके साथ ही सरकार ने पूर्वांचल की बंद पड़ी निगम क्षेत्र की चीनी मिल पिपराइच-गोरखपुर एवं मुण्डेरवा-बस्ती में 5,000 टीसीडी क्षमता की नई मिल का निर्माण किया। उन्होंने कहा कि पिपराइच चीनी मिल में भारत सरकार के एथेनॉल ब्लैन्डिंग कार्यक्रम के अन्तर्गत 120 केएलपीडी क्षमता की आसवनी भी स्थापित की जायेगी, जिसमें गन्ने के जूस एवं शीरे से एथेनॉल उत्पादन किया जायेगा। यह प्रदेश में गन्ने के जूस पर आधारित एथेनॉल उत्पादित करने वाला प्रथम प्लांट होगा। पिपराइच एवं मुण्डेरवा चीनी मिलों में सल्फरलेस प्लांट की स्थापना लाॅक डाउन की अवधि के बावजूद आठ माह की रिकॉर्ड अवधि में की गयी है। इससे उच्च गुणवत्ता की चीनी का उत्पादन सुनिश्चित हो सकेगा तथा इसके विक्रय से चीनी का और अधिक मूल्य प्राप्त होगा एवं गन्ना मूल्य का भुगतान भी समय से किया जा सकेगा।