अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि रामकृष्ण परमहंस के कारण देश को स्वामी विवेकानंद मिले, स्वामी जी भक्ति-ज्ञान और कर्म को अपने में समाए हुए थे. भक्ति आंदोलन के बाद कर्म आंदोलन आगे बढ़ा, जिसमें कई योद्धाओं ने विदेशी आक्रांताओं को रोका जो बाद में आजादी का आंदोलन बना.
पीएम मोदी बोले कि अंत में ज्ञान का संगम होने से आजादी का आंदोलन तेज हुआ. वैचारिक आंदोलन भी खड़ा किया गया और भविष्य के बारे में सोचा गया.
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि इन आंदोलनों से प्रभावित होकर ही हजारों की संख्या में लोग आजादी की लड़ाई में जान देने के लिए आते रहे.
पीएम बोले कि गुरुदेव ने जिस तरह विश्वभारती को इस तरह बुना, जिसने राष्ट्रवाद की तस्वीर सामने रखी. पीएम मोदी बोले कि वेद से विवेकानंद तक भारत के चिंतन की धारा गुरुदेव के राष्ट्रवाद में मुखर थी. पीएम मोदी ने कहा कि हमारा विकास वैश्विक होता है, गुरुदेव का संदेश ही आत्मनिर्भर भारत का आधार है.