परिवार से समाज एवं समाज से राष्ट्र का निर्माण : राज्यमंत्री
प्रयागराज। भारतीय लोकतंत्र ने लोकतांत्रिक मूल्य स्वतंत्रता, समानता एवं वैधानिक न्याय को अपने अंदर समाहित किया है। इनकी जड़ें अन्य देशों की अपेक्षा भारत में बहुत ही गहरी हैं। परिवार से समाज एवं समाज से राष्ट्र का निर्माण होता है। राष्ट्र के संदर्भ में यह मूल्य अटल जी के राजनीतिक जीवन में दिखाई पड़ते हैं। उनका जीवन लोकतांत्रिक मूल्यों पर ही आधारित रहा है। उक्त विचार मुख्य अतिथि बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) उत्तर प्रदेश सरकार डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी ने उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विवि, प्रयागराज में अटल बिहारी वाजपेई सुशासन पीठ के तत्वावधान में बुधवार को अटल जन्मोत्सव समारोह के उद्घाटन अवसर पर लोकतांत्रिक मूल्य एवं भारतीय राजनीति विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी सह व्याख्यानमाला में व्यक्त किया।
उन्होंने आगे कहा कि इसका एक जीता जागता उदाहरण 24 दलों को लेकर सरकार बनाना है। वर्तमान राजनीतिक परिस्थिति में भारतीय लोकतांत्रिक मूल्य का दर्शन किसान आंदोलन में दिखाई पड़ता है। उद्योगपतियों का विरोध देश में नए संकट को जन्म देगा, क्योंकि उद्योगपति और किसान एक दूसरे पर निर्भर हैं। डॉ.द्विवेदी ने अटलजी के नारे जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान का उल्लेख करते हुए बताया कि तीनों के परस्पर सामंजस्य से सशक्त लोकतंत्र का निर्माण किया जा सकता है।
अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. कामेश्वर नाथ सिंह ने कहा कि वर्तमान समय में सिद्धांतों पर स्वार्थ भारी, आदर्शवादिता पर अवसरवादिता भारी, राष्ट्र नीति पर राजनीति भारी, मूल्यों पर मनी भारी। ऐसी स्थिति में हमें भारतीय मूल्य एवं परंपरा को अपने जीवन में आत्मसात करना होगा। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक मूल्यों का सबसे बड़ा उदाहरण परिवार है। भारतीय मूल्यों परंपरा की खोज पाश्चात्य विचारकों में न करके हमें भारतीय दर्शन परंपरा में करना होगा।
समारोह का संचालन डॉ. सुरेंद्र कुमार एवं अतिथियों का स्वागत डॉ. जी.के द्विवेदी एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. दिनेश सिंह ने किया। इस अवसर पर प्रो. पी.पी दुबे, प्रो. जी.एस शुक्ल, प्रो. सुधांशु त्रिपाठी, प्रो. सत्यपाल तिवारी, प्रो. एस कुमार, प्रो. रुचि बाजपेई, प्रो. विनोद कुमार गुप्ता, कुलसचिव डॉ. ए.के गुप्ता, परीक्षा नियंत्रक डी.पी सिंह एवं अन्य शिक्षक परामर्शदाता उपस्थित रहे।