कोरोना वायरस ने दुनिया को कुछ ऐसे जख्म दिए हैं, जो लंबे समय तक दर्द देंगे। अमेरिका में कोरोना वायरस ने स्पेनिश फ्लू के दौर को भी मात दे दी है। अमेरिका में 120 साल में सबसे कम जनसंख्या बढ़ी है। बता दें कि अमेरिका में कोरोना वायरस संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले(18,684,628) अब तक सामने आ चुके हैं। वहीं, 330,824 लोगों की मौत हो चुकी है।
वैसे अमेरिका की जनसंख्या की वृद्धिदर पिछले काफी सालों से बेहद धीरे बढ़ रही है। भारत जैसे देशों के मुकाबले तो यह लगभग स्थिर ही है। लेकिन इसके बावजूद पिछले एक साल में वृद्धिदर और धीमी हो गई है। जानकार इसकी प्रमुख वजह कोरोना वायरस संक्रमण को मान रहे हैं। अमेरिका के जनसांख्यिकी विशेषज्ञों का कहना है कि यह देश में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या को दर्शाता है। शोधकर्ता विलियम फ्रे ने कहा कि मुझे लगता है यह पहली झलक है, जो हमें संकेत दे रही कि हम कहां जा रहे हैं। पिछले एक साल में जनसंख्या की दर कम हुई है। यह हमें दर्शाता है कि इसका जनसंख्या पर लंबे समय में क्या प्रभाव पड़ेगा। बता दें कि अमेरिका में जुलाई 2019 से जुलाई 2020 के बीच जनसंख्या की दर में 0.35% की वृद्धि हुई है।
अमेरिकी जनसंख्या ब्यूरो के मुताबिक, एक साल में कुल जनसंख्या में 11 लाख की वृद्धि हुई है। इससे जुलाई महीने में अमेरिका की कुल जनसंख्या बढ़कर 32 करोड़ 90 लाख हो गई। विश्लेषण से पता चला कि जनसंख्या में यह वृद्धि पिछले एक सदी में सबसे कम है। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण ने स्पेनिश फ्लू के चरम पर रहने के दौर को भी पछाड़ दिया है। तब 1918 से 1919 के बीच जनसंख्या में वृद्धि दर 0.49% थी, जबकि बड़ी संख्या में अमेरिकी सैनिक प्रथम विश्व युद्ध लड़ने के लिए विदेशों में थे।
गौरतलब है कि अमेरिका में कोरोना वायरस से बचने के लिए टीकाकरण भी शुरू हो गया है। अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी पिछले दिनों कोरोना वैक्सीन लगवाई। ऐसे में अब अमेरिका में कोरोना से होने वाली मौतों की संख्या में यकीनन कमी आएगी। हालांकि, जानकारों की मानें तो अमेरिका में कोरोना वायरस की भरपाई होने में लंबा समय लगेगा। वैसे सिर्फ अमेरिका ही नहीं, कोरोना वायरस ने भारत समेत लगभग सभी देशों के आर्थिक और सामाजिक ताने-बाने को पूरी तरह से हिलाकर रख दिया है।