ट्रंप ने चीन और रूस की 103 संस्थाओं पर लगाया प्रतिबंध, सैन्य संबंधों का शक

ट्रंप प्रशासन ने सोमवार को कथित सैन्य संबंधों के साथ चीनी और रूसी कंपनियों की एक सूची प्रकाशित की है, जो उन्हें अमेरिकी वस्तुओं और टेक्नोलॉजी की एक विस्तृत श्रृंखला को खरीदने से प्रतिबंधित करती है। पिछले महीने रॉयटर्स ने पहली बार सूचना दी थी कि अमेरिकी वाणिज्य विभाग ने उन कंपनियों की सूची तैयार की है जो चीनी या रूस की सेना से जुड़े हुए हैं।

इस सूची में कमर्शियल एयरक्राफ़्ट कॉर्पोरेशन ऑफ़ चाइना (COMAC), कोलोराडो की ऐरो इलेक्ट्रॉनिक्स और टेक्सास स्थित टीटीआइ इंक शामिल नहीं हैं। हालांकि, शंघाई एयरक्राफ्ट डिजाइन एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट, जो COMAC विमानों को डिजाइन करता है और शंघाई एयरक्राफ्ट मैन्युफैक्चरिंग कंपनी जो COMAC प्लेन बनाती है, वो इस सूची में हैं। अंतिम सूची में 103 संस्थाओं का नाम है, जिसमें से 58 चीनी सेना से जुड़ी हैं और 45 संस्थान रूसी सेना से जुड़े हैं।

वाणिज्य सचिव विल्बर रॉस ने सोमवार को कहा कि यह कार्रवाई सैन्य दखल को खत्म करने की एक नई प्रक्रिया है। बता दें कि अंतिम सूची सोमवार को वाणिज्य विभाग की वेबसाइट पर प्रकाशित की गई थी और मंगलवार को संघीय रजिस्टर में सार्वजनिक निरीक्षण के लिए पोस्ट किया जाना है। वहीं, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने नवंबर में इस सूची की खबर को संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा चीनी कंपनियों का अकारण दमन बताया था।

पिछले एक साल में संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन के बीच तनाव बढ़ गया है, क्योंकि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कोरोना वायरस महामारी के लिए चीन को दोषी ठहराया है। ट्रंप प्रशासन द्वारा आखिरी समय में उठाए गए इस कदम से दर्जनों चीनी कंपनियां अमेरिकी व्यापार ब्लैकलिस्ट में शामिल हो गई है। इसमें देश की शीर्ष चिपमेकर, SMIC और ड्रोन निर्माता SZ DJI प्रौद्योगिकी कंपनी लिमिटेड भी शामिल है। अमेरिकी सरकार भी चीन सैन्य-नागरिक संलयन के बारे में चिंतित है। यह एक ऐसी नीति जिसका उद्देश्य अपनी सैन्य शक्ति और तकनीकी विकास का निर्माण करना है।

 

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com