किसान और कारपोरेट की लड़ाई में सपा हर कदम पर किसानों के साथ : नेता प्रतिपक्ष
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने कहा है कि देश के प्रथम किसान प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती 23 दिसम्बर को समाजवादी साथी और किसान जहां कहीं हों, वहीं संकल्प लें कि खेती बारी औऱ किसानीं को निगलने वाले कृषि कानून जब तक वापस नहीं होते हैं, हम अम्बानी अडानी समूह के उत्पादों का उपयोग नहीं करेंगे और इन समूहों के पेरोल पर निर्भर नेताओं के किसी कार्यक्रम में भाग नहीं लेंगे। अपने आवास पर सोमवार को मिलने आए समाजवादी पार्टी के नेताओं और किसानों से बातचीत में उत्तर प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने कहा कि भारत किसानों का देश है। इसे कारपोरेट का देश बनाने के लिए अडानी अम्बानी समूह और उनकी सरकार खेती बारी और किसानी को निगलने वाले कृषि कानून लाई है। इसे ध्यान में रखकर इन समूहों ने पहले से कम्पनियां गठित कर रखी हैं और गोदाम भी बनवा लिए हैं। इससे स्पष्ट है कि खेती बारी और किसानी को निगलने वाले इन कानूनों की जानकारी अम्बानी अडानी समूह को पहले से थी।
उन्होंने कहा कि इन काले कानूनों के विरोध में इस हाड़ कंपा देने वाली ठंड में भी देश का किसान सड़कों पर हैं। दो दर्जन से अधिक किसान इन कानूनों की वापसी को लेकर चल रहे आंदोलन में अभी तक शहीद हो चुके हैं और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, उनके मंत्रिमंडल के मंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस आंदोलन में प्राण निछावर करने वाले किसानों को शहीद का दर्जा देकर इन कानूनों को वापस लेने की जगह सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग कर किसानों के खिलाफ किसानों को खड़ा करने का अभियान चला रहे हैं। उत्तर प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने कहा कि हम समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय श्री अखिलेश यादव के नेतृत्व में अडानी अम्बानी और उनकी सरकार के इस अभियान को किसी कीमत पर सफल नहीं होने देंगे। कारपोरेट और किसानों के बीच चल रहे इस समर में समाजवादी पार्टी हर कदम पर किसानों के साथ है। इस लड़ाई में अडानी अम्बानी समूह और उनकी सरकार को पराजित करने के लिए जरूरी है कि हम लोग 23 दिसम्बर से अडानी अम्बानी समूह के उत्पादों और उनके नेताओं के कार्यक्रमों का बहिष्कार करें। उन्होंने अन्न खाने वाले सभी लोगों से अपील की है कि वे 25 दिसम्बर को समाजवादी पार्टी के घेरा बनाकर लगने वाले चौपाल में शामिल होकर किसानों का साथ दें।