दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को किशोर बियानी की अगुवाई वाली फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (FRL) की अमेजन (Amazon) के खिलाफ निषेधाज्ञा आदेश की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है। फ्यूचर रिटेल ने अमेजन को फ्यूचर रिटेल और रिलायंस इंडस्ट्रीज के बीच हुए सौदे के खिलाफ सेबी, सीसीआई और अन्य रेगुलेटरों को चिट्ठी लिखने से रोकने की याचिका लगाई थी।
इसके पहले 20 नवंबर की सुनवाई में दिल्ली हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा था। 20 नवंबर को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दोनों पक्षों को अपनी दलीलें पेश करने का निर्देश दिया था।
दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन का कहना था कि आर्बिट्रेशन के नियमों में बदलाव संभव है, लेकिन सुनवाई पूरी होने से पहले कंपनी को अपना पक्ष रखने का पूरा मौका मिलना चाहिए। अब दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा फ्यूचर रिटेल की याचिका खारिज करने से अमेजन खुलकर इस सौदे के खिलाफ सेबी, सीसीआई जैसे रेगुलेटरों को लिख सकती है।
अमेजन ने बाजार नियामक सेबी और स्टॉक एक्सचेंजों को सिगांपुर की मध्यस्थता अदालत के फ्यूचर रिटेल व रिलायंस इंडस्ट्रीज के बीच हुए 24713 करोड़ रुपये के सौदे पर रोक के अंतरिम फैसले पर विचार करने का निवेदन करते हुए चिट्ठी लिखी है। वहीं, पिछले हफ्ते भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने सौदे को मंजूरी दे दी है।
बता दें कि यह विवाद फ्यूचर रिटेल के अपने सारे रिटेल होलसेल और वेयर हाउसिंग कारोबार को मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज को 24713 करोड़ रुपये में बेचने से जुड़ा हुआ है। उधर अमेजन की फ्यूचर रिटेल में 5 फीसद की इनडायरेक्ट हिस्सेदारी है। अमेजन ने फ्यूचर ग्रुप के रिलांयस के साथ इस सौदे को सिंगापुर कोर्ट में चुनौती दी थी। मामले की सुनवाई करते हुए 25 अक्टूबर को सिंगागुर कोर्ट ने फ्यूचर ग्रुप और रिलायंस इंडस्ट्रीज के इस सौदे पर रोक लगा दी थी।