देश तथा प्रदेश की सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी की निगाह अब गांव की सरकार पर है। गांव की सरकार यानी पंचायत चुनाव की उलटी गिनती शुरू होते ही भाजपा की निगाह अब ग्राम पंचायत सदस्य से लेकर जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर लगी है।
उत्तर प्रदेश में ग्राम पंचायतों का कार्यकाल 25 दिसंबर को पूरा होने के साथ ही गांवों में प्रशासक नियुक्त हो जाएंगे। कोरोना संक्रमण के कारण हर जगह विलंब के कारण प्रदेश में भी अब त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव मार्च में कराए जाने की संभावना है। चुनाव निकट आते ही भारतीय जनता पार्टी ने तैयारी की गति तेज करते हुए जिताऊ व दमदार उम्मीदवारों की तलाश जोरशोर से आरंभ कर दी है। जिलों से प्रमुख दावेदारों को चिह्नित करने को कहा गया है। प्रमुख पदाधिकारियों व जनप्रतिनिधियों से कहा गया है कि वह अपने परिवार के लोगों को चुनाव लड़ाने से दूर रहें।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तो बेहद सक्रिय हैं, जबकि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह तथा संगठन महामंत्री सुनील बंसल क्षेत्रीय कमेटियों की बैठक में पंचायत चुनाव की रणनीति स्थानीय स्तर पर साझा कर चुके हैं। माना जा रहा है कि अब पार्टी केवल जिला पंचायत सदस्यों के चुनाव में अपने अधिकृत व समर्थित उम्मीदवारों के नामों की सूची जारी करेगी, लेकिन ग्राम व क्षेत्र पंचायतों में अपने कार्यकर्ताओं को लड़ने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। ग्राम प्रधान व पंचायत सदस्य चुनाव में पार्टी अधिकृत उम्मीदवार भले ही न उतारे, परंतु बूथ स्तर का कोई कार्यकर्ता ग्राम पंचायत सदस्य के लिए चुनाव मैदान में उतरना चाहता है तो उसे प्रोत्साहित किया जाएगा।
मतदाता सूची सुधार पर जोर: पंचायत चुनाव के लिए मतदाता सूचियों का पुनरीक्षण कार्य जारी है। सभी मंडल व जिलाध्यक्षों के अलावा जनप्रतिनिधियों को नए मतदाता बनवाने और सूचियों में गड़बड़ी को दूर कराने में लगने को कहा गया है। मंडल प्रभारियों की कार्यशालाओं के जरिए चुनाव तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि विधानसभा उपचुनाव और विधानपरिषद शिक्षक व स्नातक सीटों के चुनाव में बेहतर प्रदर्शन से उत्साहित भाजपा नेतृत्व पंचायत चुनाव में भी बड़ा उलटफेर करने का मन बनाए हुए है।
बाहरी से भी गुरेज नहीं : पंचायत चुनाव में बढ़त लेने के लिए भाजपा गंभीर है। इसके लिए उम्मीदवारों की तलाश जारी है। अन्य दलों के दमदार नेताओं को भी जोडऩे से भी परहेज नहीं किया जाएगा। वार्ड परिसीमन पर स्थानीय नेताओं से नजर रखने को कहा गया है।