चाहे कोविड-19 वैक्सीन के उत्पादन की बात हो या फिर इसे लेने की, दोनों ही मामलों में भारत दुनिया के अन्य देशों की तुलना में भारत सबसे आगे है। देश ने एस्ट्राजेनेका, नोवावैक्स, और गामालेया रिसर्च इंस्टीट्यूट के वैकसीन का बड़े पैमाने पर उत्पादन करने के लिए मंजूरी ली है। यह जानकारी फिच सॉल्यूशंस कंट्री रिस्क एंड इंडस्ट्री रिसर्च ने सोमवार को दी।
इसके अनुसार, वैश्विक कोविड-19 वैक्सीन में भारत की भूमिका काफी अहम होगी। दुनिया में वैक्सीन की निर्माण की जहां तक बात है तो भारत के पास इसकी क्षमता अन्य देशों की तुलना में सबसे अधिक है। इस क्रम में फिच ने भारत के वैक्सीन निर्माता सीरम इंस्टीट्यूट का जिक्र किया। एक अरब से अधिक जनसंख्या वाले भारत देश में हर किसी को वैक्सीन मुहैया कराना बड़ी चुनौती होगी। रेटिंग एजेंसी फिच ने आगे कहा, 1.3 बिलियन की जनसंख्या में से 94 बिलियन लोग 65 वर्ष से अधिक उम्र के हैं। इसे देखते हुए यह स्पष्ट है कि देश भर में चलाई जाने वाली वैक्सीनेशन ड्राइव दुनिया में सबसे बड़ी होगी। पोलियो और हैजा जैसी अनेक बीमारियों के लिए यहां अब तक वैक्सीनेशन की प्रक्रिया चलाई जाती है और इसलिए देश में वैक्सीन को लेकर अब तक रिकॉर्ड बेहतर रहा है।
भारत में कोविड-19 वैक्सीन अगले साल की पहली तिमाही में शुरू होगी। जिसमें सबसे पहले हेल्थकेयर वर्करों और 50 साल से अधिक उम्र वालों को वैक्सीन दी जाएगी। 6-8 महीने में कुल 250 मिलियन लोगों को वैक्सीन लगाने के सरकार के लक्ष्य को फिच ने बुलंद हौसला करार दिया।