केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने शनिवार को कहा कि देश के विज्ञानी और स्वास्थ्य विशेषज्ञ कोरोना के खिलाफ स्वदेशी वैक्सीन विकसित करने पर काम कर रहे हैं और अगले छह से सात महीने में भारत में लगभग 30 करोड़ लोगों को टीका लगाने की क्षमता होगी। उन्होंने यह भी कहा कि जल्द ही कुछ वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दे दी जाएगी। वह कोरोना पर मंत्री समूह (जीओएम) की 22वीं बैठक को संबोधित कर रहे थे।केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि देश में एक करोड़ से कुछ ज्यादा संक्रमित मामले अब तक पाए गए हैं, जिनमें से 95 लाख 50 हजार से अधिक मरीज पूरी तरह से ठीक भी हो चुके हैं। भारत दुनिया के उन चुनिंदा देशों में शामिल है, जहां मरीजों के उबरने की दर सबसे ज्यादा है। भारत में वर्तमान में यह दर 95.46 फीसद है। हर्षवर्धन जीओएम के चेयरमैन भी हैं। उन्होंने कहा कि अक्टूबर और नवंबर में त्योहारों के बावजूद नए मामलों में तेजी नहीं आई। साथ ही लोगों से किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरतने की अपील भी की।
उन्होंने सभी लक्षित 30 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाने के लिए टीकाकरण अभियान में तेजी लाने की जरूरत बताई। 30 करोड़ लोगों में एक करोड़ स्वास्थ्यकर्मी (डॉक्टर, नर्स), दो करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर (पुलिसकर्मी, सफाईकर्मी) और 27 करोड़ 50 साल से अधिक उम्र के लोग और 50 साल से कम उम्र के ऐसे लोग शामिल हैं, जो पहले से किसी गंभीर रोग से ग्रस्त हैं।
तीन कंपनियों ने किया है आवेदन
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि देश में जल्द ही कुछ वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिल जाएगी। भारत बायोटेक, फाइजर और एस्ट्राजेनेका ने अपनी वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी के लिए भारतीय दवा महानियंत्रक (डीसीजीआइ) के यहां आवेदन किया है। इसके अलावा और भी कई वैक्सीन पर देश में काम चल रहा है। जीओएम की बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर, नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी, स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे और गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय भी शामिल हुए। नीति आयोग के सदस्य और कोरोना पर गठित टास्क फोर्स के प्रमुख डॉ. वीके पाल भी बैठक में मौजूद रहे। राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) के निदेशक डॉ. सुजीत के सिंह ने बैठक में कोरोना के मौजूदा हालात और उससे निपटने की तैयारियों को ब्योरा पेश किया। उन्होंने यह भी बताया कि विदेश मंत्रालय से 12 देशों ने वैक्सीन के लिए अनुरोध किया है।
वैक्सीन वितरण के लिए भारत को चाहिए 80 हजार करोड़ : सीरम
नई दिल्ली, आइएएनएस : पुणे स्थित वैक्सीन निर्माता सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के कार्यकारी निदेशक डॉ. सतीश डी रवेत्कर ने कहा है कि भारत को अगले साल कोरोना वैक्सीन के वितरण के लिए 80 हजार करोड़ रुपये की जरूरत होगी। सीरम ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी-एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित वैक्सीन को देश में कोविशील्ड के नाम से तैयार कर रही है। उन्होंने कहा कि बिजली सप्लाई को भी बहाल रखने की जरूरत होगी, ताकि वैक्सीन की सुरक्षा के लिए आवश्यक तापमान को बरकरार रखा जा सके।