दो दिनों में ही विद्रोह का अंत, सीएम ममता से मांगी माफी
कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) से नाराज चल रहे पांडेश्वर से विधायक और आसनसोल नगर निगम के पूर्व मेयर जितेंद्र तिवारी की नाराजगी खत्म हो गई है। दो दिनों के अंदर ही उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से माफी मांग ली है और तृणमूल कांग्रेस में ही रहने की घोषणा की है। दरअसल, गुरुवार को ही जितेंद्र तिवारी ने तृणमूल कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था और शुभेंदु अधिकारी के समर्थन में बयानबाजी की थी। इसके बाद उनके भाजपा में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही थीं।
इस बीच भारतीय जनता पार्टी की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने जितेंद्र तिवारी के भाजपा में शामिल होने को लेकर आपत्ति दर्ज कराई थी। आसनसोल से भाजपा सांसद और केंद्रीय पर्यावरण राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो ने कहा था कि जितेंद्र तिवारी ने हमारे लोगों को मारा है। वह भाजपा में नहीं आएं, यह सुनिश्चित करूंगा। इसके अलावा सायंतन बसु तथा भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष अग्निमित्र पॉल ने भी जितेंद्र को लेकर नाराजगी जाहिर की थी। इससे स्पष्ट हो चला था कि तिवारी को आसानी से भारतीय जनता पार्टी स्वीकार नहीं करेगी। उसके बाद से ही तृणमूल नेतृत्व हालात को समझकर जितेंद्र को समझाने की कवायद शुरू कर चुका था। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश पर मंत्री अरूप विश्वास ने जितेंद्र तिवारी को कोलकाता बुलाया था। यहां अलीपुर के सुरुचि संघ में मंत्री अरूप विश्वास के साथ जितेंद्र तिवारी की बैठक हुई। मौके पर राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर भी मौजूद थे। उनसे बातचीत कर उनकी सारी नाराजगी दूर कर ली गई है।
अरूप ने कहा कि जितेंद्र तिवारी के साथ सभी मतभेदों को सुलझा लिया गया है। बैठक के बाद जितेंद्र तिवारी ने कहा, “मैं तृणमूल में हूं। मैं अनुरोध करूंगा कि मेरा इस्तीफा स्वीकार न करें। अरूप विश्वास ने मुझे बताया, ममता दी मेरे व्यवहार से आहत थीं। मैं ममता को दुख नहीं पहुंचाना चाहता। मैं दीदी से माफी मांगूंगा। टीम छोड़ने की बात करना गलत था। पार्टी में रहकर मैं पहले की तरह काम करूंगा। उन्होंने फिरहाद हकीम से संबंधित सवालों को टाल दिया। अरूप ने कहा, “जितेंद्र तिवारी भाजपा में ही रहेंगे। ममता बनर्जी भाजपा के खिलाफ लड़ेंगी परिवार में मतभेद होते हैं लेकिन कोई भी अपनी मां को नहीं छोड़ता है।”