हवा चलने से बढ़ी कंपकंपी, कोहरे और भयंकर ठंड से जनजीवन ठप
महीने के अंत तक पूर्वांचल को झेलना पड़ सकता है दो डिग्री का सितम
वाराणसी। पूर्वांचल में पारा लगातार गिरता जा रहा है। मौसम विभाग ने माना है कि इस वक्त पूरा पूर्वांचल शीतलहर की चपेट में है। अनुमान है कि महीने के अंत तक पूर्वांचल को दो डिग्री का टॉर्चर भी झेलना पड़ सकता है। इसकी बड़ी वजह यह है कि हिंदुस्तान के पहाड़ जम चुके हैं, नदी-नाले ठंड से ठहर गए हैं। पहाड़ों पर माइनस डिग्री के टॉर्चर का ही असर है कि देश के अधिकांश शहर कांपने लगे हैं। मौसम विभाग की चेतावनी है कि ठंड का टॉर्चर तो अभी बस शुरू ही हुआ है। अगले दो दिनों में भी जबरदस्त ठंड होगी और शीतलहर चलेगी। बीते चौबीस घंटों में अधिकतम तापमान 21.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से तीन डिग्री कम रहा, न्यूनतम तापमान 10.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य दर्ज किया गया। आर्द्रता इस दौरान अधिकतम 71 फीसद और न्यूनतम 71 फीसद दर्ज किया गया। मौसम विभाग की ओर से जारी सैटेलाट तस्वीरों में पूर्वांचल में आसमान साफ है। जबकि अफगानिस्तान पहुंच चुके पश्चिमी विक्षोभ का एक और असर देश में पहुंचने जा रहा है। इसके यहां 48 घंटे में पहुंचने की उम्मीद है। फिरहाल, पूर्वांचल सर्द थपेड़ों से ठिठुर रही है।
शहर से लेकर देहात तक में सर्दी का कहर है। रात या सुबह ही नहीं, बल्कि दिन का तापमान भी गिर रहा है। ठंड के साथ पछुआ हवा चलने से लोगों को शीतलहर का प्रकोप झेलना पड़ रहा है। कोल्ड डे की स्थिति बनी हुई है। भीषण ठंड से लोग त्राहिमाम कर रहे हैं। सुबह घना कोहरा छाया रहा। लोगों का कहना है कि हाड़ कंपाने वाली सर्दी का सितम जारी रहेगी। लोगों को फिलहाल ठंड से कोई राहत नहीं मिलने वाली है। कोहरे और भयंकर ठंड के कारण आम जनजीवन ठप सा हो गया है। लोगों को कामकाज पर पहुंचने में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, वहीं यातायात पर भी कोहरे की मार पड़ी है। घने कोहरे से ट्रेनों की आवाजाही में भी खासा प्रभाव देखने को मिल रहा है। सर्द हवाएं चलने से इसका असर आगे भी रहने वाला है। कुछ हिस्सों में सुबह से ही आंशिक तौर पर बादल छाए रहे। मौसम विभाग ने अगले दो-तीन दिनों तक बादलों की आवाजाही का दौर जारी रहने के आसार जताए हैं। हालांकि आज धूप तेज रही, लेकिन सर्द हवाओं के आगे बेअसर रही।
कोहरे के कहर से जनता परेशान
लगातार बढ़ती ढंड के बीच कोहरे का प्रकोप भी बढ़ता जा रहा है। सीजन के पहले घने कोहरे ने सड़कों पर सरपट दौड़ने वाले वाहनों की रफ्तार को धीमा कर दिया है। शुक्रवार की रात से पड़ रहे कोहरे ने किसानों के चेहरों पर भी चिंता की लकीरें खींच दी हैं। किसानों को गेहूं और सब्जी की फसलें खराब होने का डर सताने लगा है। बता दें कि पिछले दो दिनों गुधवार व गुरुवार को पूर्वांचल के कई जिलों में बादलों और धुंध के चलते सूर्यदेव भी प्रकट नहीं हुए, जिस कारण बढ़ती ठंड ने लोगों को परेशानियों में डाल दिया। कड़ाके की सर्दी के चलते लोग घरों में दुबकने पर मजबूर हो गए। बढ़ रही ठंड के बीच अति आवश्यक काम होने पर ही लोग घरों से बाहर निकल रहे हैं। धंध के चलते रात में अधिकतर वाहन सड़कों पर रेंग रेंग कर चलने को मजबूर हो गए हैं। भारी ठंड के चलते सबसे ज्यादा परेशानी स्कूली छात्रों को झेलनी पड़ रही है। इसके अलावा दुकानदार भी कड़ाके की सर्दी में दुकानों के बाहर सारा दिन आग सेंकते हुए दिखाई दिए। सड़कों पर भी इक्का दुक्का लोग ही पैदल चलते दिखाई दे रहे हैं।
बारिश से गलन का असर व्यापक
दो दिन पूर्व हुई बरसात से पूर्वांचल में गलन का असर व्यापक स्तर पर ला दिया है। दिन चढ़ने के साथ ही बेअसर सी धूप भी हो रही है और साफ आसमान से राहत भी नहीं मिल रही है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार आने वाले दिनों में ठंड का असर और भी व्यापक होगा। बर्फीली हवाओं के साथ ही गलन का दौर मध्य जनवरी तक चलेगा। शुक्रवार की सुबह भी आसमान साफ रहा और सुबह से कोहरा नदारद रहने के साथ बर्फीली गलन युक्त हवाओं का जोर रहने से लोग गर्म कपड़ों में नजर आए। दिन चढ़ने के साथ ही आसमान में सूर्य के दर्शन तो हुए लेकिन धूप की तेजी नदारद रही। आसमान साफ रहने से दिन चढ़ने तक पर्याप्त धूप हुई और ठंडी हवाओं से लोग कांपते भी रहे। धूप सेंकने निकले लोगों को ठंड से कोई राहत नहीं मिली। मौसम विज्ञानी मान रहे हैं कि ठंड अपने समय के अनुकूल ही है अब पाले का दौर भी सप्ताह भर में असर करने लगेगा। इसकी वजह से फसलों को भी नुकसान की उम्मीद है।