पोप फ्रांसिस के आयरलैंड पहुंचने पर प्रदर्शनकारियों ने कैथोलिक चर्च में यौन शोषण के मामलों को स्वीकार करने और न्याय दिलाने की मांग की. वेटिकन के पीले और सफेद झंड़ों से सजे डबलिन में हजारों प्रदर्शनकारियों ने कल मार्च निकाला और चर्च से कार्रवाई की मांग की. कुछ प्रदर्शनकारी बेहद भावुक भी दिखे.
‘‘नोप टू द पोप’’ प्रदर्शन में वेटिकन द्वारा समलैंगिकों और ट्रांसजेंडरों को मान्यता देने, आयरलैंड में धर्म और राज्य के बीच स्पष्ट भेद और गर्भनिरोधक को स्वीकार करने की मांग की गई. नन की पोशाक पहने हुए लीसा बार्सियन ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि उन्हें घुटनों के बल बैठना चाहिए और आयरलैंड के लोगों से माफी मांगनी चाहिए.’’
प्रदर्शनकारियों ने ‘‘पीड़ितों को प्रार्थना से ज्यादा चाहिए’’, ‘‘पोप फ्रांसिस आपने मौका गंवा दिया’’ और ‘‘धर्म सही है, बलात्कार नहीं’’ जैसी तख्तियां भी दिखाई. रेजिडेंशियल इंस्टीट्यूशन सरवाइवर्स नेटवर्क के संस्थापक विलियम गॉरी भीड़ को संबोधित करते हुए रोने लगे. उन्होंने बचपन में अपने साथ हुए यौन शोषण के बारे में बताया. 53 वर्षीय विलियम ने कहा, ‘‘यह सब बंद दरवाजे के पीछे हुआ, दीवारों के पीछे हुआ.