अब तक खाते में भेजे ढाई लाख करोड़ रुपए : नवनीत सहगल
लखनऊ। प्रदेश सरकार ने एक बार फिर कहा है कि किसानों का उत्पीड़न नहीं होने दिया जाएगा। उनकी फसलों की खरीद न्यनूतम समर्थन मूल्य पर की जाएगी। सरकार किसानों के हितों को लेकर गम्भीर है। बीते साढ़े तीन वर्षों में लगभग ढाई लाख करोड़ रुपये विभिन्न योजनाओं के जरिए किसानों के बैंक खातों में सीधे भेजे गए हैं। राज्य के अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने शुक्रवार को यहां प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों को आश्वासन दिया है कि किसी भी प्रकार से उनका उत्पीड़न नहीं होने दिया जाएगा। न्यूनतम समर्थन मूल्य जारी रहेगा। उनकी फसलों का क्रय होता रहेगा और सरकार प्रत्येक कार्यक्रम में किसानों का ध्यान रखेगी। उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों में लगभग 1,12,000 करोड़ रुपये का गन्ना मूल्य का भुगतान किसानों के खाते में किया गया है। लगभग 60,000 करोड़ का भुगतान उन्हें धान और गेहूं क्रय के क्रम में किया गया है। लगभग 24,000 करोड़ रुपये का भुगतान किसानों के सीधे उनके खातों में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत दिया गया है। इसकी अगली किश्त 25 दिसम्बर को प्रधानमंत्री स्वयं लाभार्थियों के बैंक खातों में ऑनलाइन हस्तान्तरित करेंगे। इस प्रकार पिछले साढ़े तीन वर्षों में फसल क्रय के क्रम में, गन्ना मूल्य भुगतान, किसान सम्मान निधि, फसल बीमा योजना, किसानों को अनुदान पर उपकरण देने आदि को लेकर लगभग ढाई लाख करोड़ रुपये की धनराशि राज्य सरकार ने किसानों के खातों में हस्तान्तरित की गई है।
अपर मुख्य सचिव, सहगल ने बताया कि प्रदेश में किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान खरीद की जा रही है। कल गुरुवार तक लगभग 385 लाख कुंतल धान की खरीद की जा चुकी है, जो कि पिछले वर्ष इसी अवधि में की गई खरीद से डेढ़ गुना अधिक है। उन्होंने कहा कि लगभग 7000 करोड़ों रुपये भुगतान के लिए उपलब्ध कराए गए हैं। इसी प्रकार 5,65,000 कुंतल मक्का की खरीद की गई है। मक्का क्रय के 108 सेंटर बनाए गए हैं। इसी प्रकार धान खरीद के 4,300 केंद्र बनाए गए हैं। इन सभी केंद्रों के माध्यम से धान व मक्का खरीद का कार्यक्रम बेहद तेजी से चल रहा है। मुख्यमंत्री स्वयं इसकी समीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने प्रदेश के किसानों को आश्वासन दिया है कि किसी भी किसान का धान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर ही खरीदा जाएगा। सभी धान क्रय केन्द्रों पर सख्ती की गई है। उन्हे निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी किसान का धान वापस ना जाने पाए। उनका धान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा जाए। सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वह स्वयं तथा अपने अधीनस्थ अधिकारियों के माध्यम से क्रय केंद्रों का निरीक्षण सुनिश्चित कराएं। कहीं भी किसानों को कठिनाई नहीं आनी चाहिए। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान, मक्का और मूंगफली के की जो वर्तमान में फसलें हैं, उनकी खरीद हो।
अपर मुख्य सचिव, सहगल ने बताया कि इसके साथ ही राज्य में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने के लिए तेजी से काम किया जा रहा है। प्रदेश में सूक्ष्म लघु एवं मध्यम नई इकाइयों तथा वर्तमान इकाइयों को सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करने की व्यवस्था की गयी है। प्रदेश में पुरानी इकाइयों को कार्यशील, पूंजी की समस्या से निजात दिलाने के लिए बैंकों से समन्वय करके आत्मनिर्भर पैकेज में 4.37 लाख इकाइयों को 11,100 करोड़ के ऋण बैंकों से समन्वय स्थापित कर स्वीकृत करते हुए वितरित किये गये हैं। प्रदेश में रोजगार के और अवसर सृजित करने के लिए तथा अधिक से अधिक लोगों को रोजगारों में लगाने के लिए नई एमएसएमई इकाइयों के माध्यम से अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के अन्तर्गत 6.66 लाख नई एमएसएमई इकाइयों को 20,173 करोड़ रुपये का ऋण दिया गया है। इसी एमएसएमई इकाइयों से 27 लाख से अधिक लोगों को रोजगार के अवसर सुलभ हुए है। मिशन रोजगार एवं मिशन शक्ति के अधीन 58,000 बैंकिंग कॉरस्पॉडेंट सखी (बीसी सखी) का चयन किया गया है और इनका प्रशिक्षण चल रहा है। इससे महिलाओं को रोजगार मिलेगा। महिलाओं को लेकर इतना बड़ा कार्यक्रम किसी अन्य प्रदेश में नहीं चला है।