दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। कई इलाकों में कोहरा पड़ रहा है। इसकी वजह से दिल्ली आने वाली कई ट्रेनें देरी से चल रही हैं। रेलवे विभाग ने इसकी लिस्ट भी जारी की है। ट्रेनें लेट चलने की वजह से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बता दें कि ठंड और शीत लहर का असर परिवहन सेवाओं पर पड़ रहा है। बसें और ट्रेनों की रफ्तार कोहरे की वजह से कम हो गई है। ऐसे में लोग देरी से अपने गतंव्य स्थान पर पहुंच रहे हैं।
दरअसल, उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। तापमान में गिरावट की वजह से देश के कई हिस्सों में कोहरा पड़ रहा है। धुंध की वजह से सुबह और रात में दृष्यता काफी कम है। इसका असर बस और रेल सेवाओं पर पड़ा रहा है। इसके अलावा निजी वाहन चालको पर भी कोहरे का असर दिखाई दे रहा है। तेज गाड़ी चलाने से हादसे भी हो जाते हैं इसलिए लोग गाड़ी स्लो चला रहे हैं।
विलंब से चलने वाली दिल्ली की ट्रेनें
- पुरी-आनंद विहार टर्मिनल नंदन कानन एक्सप्रेस-32 मिनट
- बेंगलुरु-नई दिल्ली कर्नाटक एक्सप्रेस-17 मिनट
- देहरादून-नई दिल्ली जन शताब्दी एक्सप्रेस-13 मिनट
- जम्मूतवी-पुणे झेलम एक्सप्रेस-1.15 घंटे
- नई दिल्ली-दरभंगा हमसफर एक्सप्रेस-34 मिनट
- नई दिल्ली-दरभंगा बिहार संपर्क क्रांति एक्सप्रेस-13 मिनट
- त्रिवेंद्रम सेंट्रल-नई दिल्ली केरल एक्सप्रेस-11 मिनट
- लखनऊ-नई दिल्ली गोमती एक्सप्रेस-23 मिनट
- नई दिल्ली-हैदराबाद डेक्कन तेलंगाना एक्सप्रेस-14 मिनट
- अमृतसर-मुंबई बांद्रा टर्मिनल पश्चिम एक्सप्रेस-39 मिनट
- जबलपुर-हजरत निजामुद्दीन त्योहार विशेष-07 मिनट
- एर्नाकुलम-हजरत निजामुद्दीन मंगला लक्षदीप एक्सप्रेस-11 मिनट
- बरेली-भुज त्योहार विशेष-56 मिनट
- बठिंडा-पुरानी दिल्ली त्योहार विशेष-07 मिनट
- श्री गंगानगर-पुरानी दिल्ली त्योहार विशेष-08 मिनट
अब मेट्रो स्टेशन तक पहुंचाएगा रोप-वे
वहीं, गाजियाबाद शहर के नागरिकों को मेट्रो स्टेशन तक रोप-वे से पहुंचाने की तैयारी हो रही है। नया बस अड्डा मेट्रो स्टेशन, वैशाली मेट्रो स्टेशन, नोएडा सेक्टर-62 और कौशांबी मेट्रो स्टेशन तक नागरिकों को ट्रैफिक जाम से बचाकर रोप-वे से पहुंचाने की योजना अंतिम चरण में है। जीडीए ने पहली बार शहर को विदेशी तर्ज पर खास तरीके से विकसित करने को नई योजना बनाई है। कुछ कंपनियों से वार्ता के बाद चिह्नित चार रूटों का सर्वे भी हो गया है। पर्यटक स्थलों और जंगलों के बीच रोप-वे के बाद शहरवासियों के लिए रोप-वे बनाया जाना आकर्षक भी होगा। फिजिविलिटी के लिए किए गए सर्वे में इस योजना को ठीक माना गया है।