कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) अपने 6 करोड़ से अधिक सब्सक्राइर्ब्स के खाते में 31 दिसंबर से पहले वित्त वर्ष 2019-20 के लिए एकमुश्त 8.5 प्रतिशत ब्याज का भुगतान कर सकता है। न्यूज एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से कहा कि श्रम मंत्रालय ने अब वित्त मंत्रालय को एक प्रस्ताव भेजकर वित्त वर्ष 2019-20 के लिए देय ब्याज की रकम को 8.5 प्रतिशत की दर से एकबार में ही ईपीएफ खाते में डालने का सुझाव दिया है। मंत्रालय की ओर से यह प्रस्ताव इसी महीने की शुरुआत में भेजा गया है।
उल्लेखनीय है कि सितंबर 2020 में केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने कहा था कि न्यासियों की बैठक में वित्त वर्ष 2019-20 के ब्याज को दो किस्तों 8.15 प्रतिशत और 0.35 प्रतिशत के रूप में देने का फैसला किया गया है। श्रम मंत्री गंगवार की अगुवाई वाले EPFO के निर्णय लेने वाले शीर्ष निकाय केंद्रीय न्यासी बोर्ड (CBT) की मार्च में हुई बैठक में वित्त वर्ष 2019-20 के लिए ईपीएफ पर 8.5 प्रतिशत ब्याज दर को मंजूरी दी गई थी।
मिस्ड कॉल से पता करें EPF बैलेंस
यूएएन पोर्टल पर रजिस्टर्ड सदस्य मिस्ड कॉल देकर अपने अकाउंट का बैलेंस जान सकते हैं। रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से 011-22901406 पर मिस्ड कॉल दें। ये कॉल दो घंटी के बाद अपने आप कट जाएगा। इसके बाद EPFO के संदेश के जरिये EPF की डिटेल मिल जाएगी।
ईपीएफओ ने कोविड- 19 से जुड़े 52 लाख दावे निपटाये
सेवा निवृत्ति कोष का संचालन करने वाली संस्था ईपीएफओ ने कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान भविष्य निधि खातों से धन निकालने के 52 लाख मामलों का निपटारा किया। इसके तहत 13,300 करोड़ रुपये की राशि आवेदकों को जारी की गई। यह राशि बिना वापसी के अग्रिम दावे के तौर पर जारी की गई। श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने बुधवार को यह जानकारी दी। सरकार ने इस साल मार्च में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) से जुड़े छह करोड़ से अधिक अंशधारकों को उनके भविष्य निधि खाते से महंगाई भत्ते सहित अधिकतम तीन माह का मूल वेतन निकालने की अनुमति दे दी थी। महामारी के दौरान लगाये गये लॉकडाउन को देखते हुये भविष्य निधि अंशधारकों को यह सुविधा दी गई।
वाणिज्य एव उद्योग मंडल एसोचैम के स्थापना सप्ताह कार्यक्रम को संबोधित करते हुये गंगवार ने कहा कि महामारी के दौरान ईपीएफओ ने 52 लाख कोविड- 19 निकासी दावों को निपटान किया और आवेदकों को 13,300 करोड़ रुपये जारी किये।
केन्द्र सरकार ने महामारी के दौरान समाज के आर्थिक रूप से कमजोर तबके को सहारा देने के लिये 26 मार्च को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाय) की भी शुरुआत की। सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) से निकासी का प्रावधान भी किया और इस संबंध में एक आवश्यक अधिसूचना जारी की गई। इसके तहत ईपीएफ धारकों को उनके खाते से महंगाई भत्ता सहित तीन माह के मूल वेतन के बराबर अथवा कर्मचारी के खाते में उपलब्ध भविष्य निधि का 75 प्रतिशत तक जो भी कम होगा, उसकी बिना- वापसी सुविधा के निकासी का प्रावधान किया गया।