लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने किसानों के आन्दोलन के समर्थन में सड़कों पर उतरे कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी को लेकर एक बार फिर सरकार पर निशाना साधा है। अखिलेश ने बुधवार को अपने ट्वीट में कहा कि भाजपा सरकार ने सपा के कार्यकर्ताओं को ही जेल नहीं भेजा है बल्कि किसानों की ही गिरफ्तारी की है क्योंकि सपा के अधिकतर कार्यकर्ता किसान ही हैं। उन्होंने कहा कि सपा के इस संघर्ष में किसान, मजदूर, महिला, युवा, छोटे व्यापारी, दुकानदार, कारोबारी साथ हैं क्योंकि कृषि कानून का असर सब पर पड़ रहा है। अखिलेश यादव के निर्देश पर पार्टी कार्यकर्ताओं ने 14 दिसम्बर को प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन किया था। इस दौरान कई जगह सपा कार्यकर्ताओं की पुलिस से झड़प हुई। कई जगह पुलिस ने लाठी चार्ज भी किया और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया।
अखिलेश किसानों के आन्दोलन को लेकर लगातार भाजपा पर हमलावर बने हुए हैं। इससे पहले उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में असहमति बड़ा अपराध बन गई है। विपक्ष उसको फूटी आंखों नहीं सुहाता है। लोकतंत्र की मान्यताओं में उसका विश्वास नहीं है। उन्होंने कहा कि देश का अन्नदाता अपनी मांगों को लेकर आंदोलित है। भाजपा सरकार उनकी सुनने के बजाय अपनी मनवाने का हठ पाले हुए है। यही नहीं अपने प्रचार तंत्र से भाजपा ने किसानों के बीच फूट डालने और आंदोलन को बदनाम करने का भी अभियान छेड़ दिया है। यह अभियान उस झूठ का हिस्सा है जिसमें किसानों की आवाज को दबाना है। सपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा सरकार ‘सबका साथ, सबका विश्वास’ का झूठा नारा सिर्फ लोगों को गुमराह करने के लिए ही लगाती है। अन्यथा संविधान प्रदत्त अधिकारों को दरकिनार कर शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शन पर बर्बर पुलिस हमला नहीं कराया जाता। किसानों के समर्थन पर समाजवादी कार्यकर्ताओं को जेल भेजकर भाजपा सरकार ने साबित कर दिया है कि वह फर्जीवाड़ा करने की उस्ताद है। जनता से भाजपा को अपने अवैधानिक, अलोकतांत्रिक कार्य के लिए माफी मांगनी चाहिए।