-कहा, धान क्रय केन्द्र की शिकायत पर मुख्यमंत्री कार्यालय को तत्काल करें सूचित
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य सरकार किसानों के हितों से कोई समझौता नहीं करेगी। उन्होंने धान क्रय केन्द्रों पर किसानों से फसल की खरीद निरन्तर किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि किसानों से निर्धारित अवधि के दौरान निरन्तर खरीद की जाए। उनकी अधिकतम फसल की खरीद की जाए। उन्होंने हर धान क्रय केन्द्र की प्रतिदिन समीक्षा करने के निर्देश देते हुए कहा कि किसान को अपनी उपज बेचने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। यदि धान क्रय केन्द्र की कोई शिकायत मिले, तो इसके सम्बन्ध में मुख्यमंत्री कार्यालय को तत्काल सूचित किया जाए। उन्होंने मण्डी परिषद को अपनी जिम्मेदारी भलीभांति निभाने के लिए कहा। मुख्यमंत्री ने यह निर्देश बुधवार को यहां अपने सरकारी आवास पर प्रदेश में ‘किसान कल्याण मिशन’ के क्रियान्वयन तथा ‘उत्तर प्रदेश कृषक उत्पादक संगठन नीति-2020’ के सम्बन्ध में प्रस्तुतीकरण के दौरान दिए। उन्होंने कहा कि क्रय केन्द्र पर आने के उपरान्त किसानों से फसल खरीद की जाए और उनका भुगतान 72 घण्टे के अन्दर सुनिश्चित किया जाए। किसानों को रजिस्ट्रेशन टोकन फौरन उपलब्ध कराया जाए। क्रय केन्द्रों पर कर्मचारियों की उपस्थिति हर हाल में सुनिश्चित की जाए। धान क्रय केन्द्रों पर किसानों को सभी सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएं।
प्रदेश में ‘किसान कल्याण मिशन’ के क्रियान्वयन के सम्बन्ध में दिए गए प्रस्तुतीकरण के दौरान मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि यह मिशन किसान कल्याण तथा किसान की आमदनी को दोगुना करने के लिए चलाया जाएगा। प्रदेश के सभी विकासखण्डों में इसे चरणबद्ध तरीके से आयोजित किया जाएगा। इस मिशन के तहत कृषि व सहवर्गी सेक्टर की वृहद प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा। इसमें स्थानीय स्तर पर लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम उद्यमिता इकाइयों तथा ग्राम्य विकास के आजीविका मिशन के अन्तर्गत गठित स्वयं सहायता समूहों द्वारा उत्पादित प्रमुख उत्पादों को शामिल किया जाएगा। किसान गोष्ठियों का भी आयोजन किया जाएगा, जिसमें प्रगतिशील किसान, वैज्ञानिक एवं कृषि विभाग से जुड़े कृषि प्रसार कार्यकर्ता, शासन की विकासोन्मुखी योजनाओं के बारे में सम्यक जानकारी उपलब्ध कराएंगे। विभिन्न विभागों द्वारा कृषि कल्याण की संचालित योजनाओं के लाभार्थियों को मौके पर लाभ भी प्रदान किया जाएगा।
‘किसान कल्याण मिशन’ में कृषि, कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान, कृषि विपणन, मण्डी परिषद, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण, पशुपालन, मत्स्य, गन्ना, खाद्य एवं रसद, ग्राम्य विकास, पंचायतीराज, सिंचाई, लघु सिंचाई, रेशम, वन, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा, बाल विकास एवं पुष्टाहार, सूचना एवं जनसम्पर्क इत्यादि विभाग प्रतिभाग करेंगे। इस मिशन के लिए कृषि विभाग नोडल विभाग के रूप में कार्य करेगा। मिशन के सम्बन्ध में व्यापक प्रचार-प्रसार सोशल मीडिया, रेडियो, टीवी इत्यादि पर सुनिश्चित किया जाएगा। प्रमुख स्थानों पर होर्डिंग भी लगाए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने प्रस्तुतीकरण का अवलोकन करने के उपरान्त प्रदर्शनियों इत्यादि का आयोजन विधानसभा क्षेत्रवार करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि सभी आयोजनों में जनप्रतिनिधियों की सहभागिता सुनिश्चित की जाए। मुख्यमंत्री को उत्तर प्रदेश कृषक उत्पादक संगठन नीति-2020 (एफपीओ) के शुभारम्भ कार्यक्रम से सम्बन्धित प्रस्तुतीकरण के दौरान एफपीओ पाॅलिसी की मुख्य विशेषताओं के साथ-साथ कार्यक्रम की रूपरेखा के सम्बन्ध में अवगत कराया गया। वर्तमान में प्रदेश में 576 एफपीओ गठित किए जा चुके हैं, जबकि 276 एफपीओ का गठन प्रस्तावित है। गठित किए जा चुके एफपीओ में 2,16,876 किसान सदस्य हैं। प्रस्तुतीकरण के दौरान मुख्यमंत्री को एफपीओ नीति को कार्यान्वित करने के लिए राज्य की रणनीति के विषय में अवगत कराया गया। उन्हें एफपीओ ऑनलाइन पोर्टल के विषय में भी जानकारी दी गई।