हरियाणा के कुंडली बार्डर पर केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन में एक और किसान की ठंड में हार्ट अटैक आने से मौत हो गई। किसान आंदोलन में अब तक 9 किसानों की मौत हो चुकी है।
टीकरी बॉर्डर पर छह आंदोलनकारियों की मौत हो चुकी है। इनमें से ज्यादातर अधेड़ उम्र के थे। एक आंदोलनकारी की गाड़ी में जलने से और अन्य की हृदयाघात या अन्य कारणों से मौत हुई है। वहीं कुंडली बार्डर पर तीन किसानों की मौत हो चुकी है। इनमें एक की सड़क हादसे व दो की हार्ट अटैक से जान जा चुकी है।
पंजाब के जिला मोगा के गांव भिंडर कलां का रहने वाला मक्खन खान (42) अपने साथी बलकार व अन्य के साथ तीन दिन पहले कुंडली बॉर्डर पर आया था। उसके साथी गुरिंद्र सिंह ने बताया कि मक्खन खान को वह लंगर में सेवा करने के लिए लेकर आए थे। सोमवार को मक्खन के सीने में दर्द हुआ। जब तक उसे अस्पताल ले जाया गया, उसकी मौत हो चुकी थी।
गुरिंद्र सिंह ने कहा कि ठंड की वजह से किसान हार्ट अटैक का शिकार हो रहे हैं। सर्दी की वजह से खून जमने के कारण किसानों की जान जा रही है। किसान की मौत की सूचना पर कुंडली थाना पुलिस अस्पताल में पहुंची। मक्खन खान की मौत को किसानों ने शहादत बताया है। उन्होंने कहा कि किसान अपनी लड़ाई आखिरी दम तक जारी रखेंगे।
सामान्य अस्पताल में मक्खन के साथियों ने बताया कि मक्खन खान के दो बेटे और एक बेटी है। तीनों पढ़ाई कर रहे हैं। वह खेतों में काम करता था। किसानों के सोनीपत आने के दौरान तीन दिन पहले वह उनके साथ आया था। वह रसोई गांव के पास ठहरा हुआ था।
कुंडली धरनास्थल पर ठंड से हार्ट अटैक के कारण दूसरे किसान की जान गई है। इससे पहले भी गांव बरोदा के किसान अजय की मौत हार्ट अटैक से हो चुकी है। अब मक्खन खान की भी जान चली गई।