रेल यात्रियों को कुछ राहत देने के लिए रेलवे अगले महीने फ्लेक्सी फेयर योजना में बदलाव करेगी. रेल मंत्रालय की ओर से यह जानकारी दी गई है.
मंत्रालय ने बताया कि इस योजना के तहत कम भीड़भाड़ के दौरान प्रयोग के रूप में चिन्हित की गई कुछ ट्रेनों में 30 प्रतिशत से कम सीटें ही भरीं. ऐसे में अस्थायी रूप से फ्लेक्सी फेयर योजना बंद करने पर विचार हो रहा है.
मंत्रालय की ओर से यह भी बताया गया कि उस विकल्प योजना को संशोधित करने पर भी विचार किया जा रहा है जो फार्मूला हमसफर ट्रेनों में इस्तेमाल किया जाता है. इसमें 50 प्रतिशत सीट वास्तविक मूल्य से 15 प्रतिशत से अधिक पर बेची जाती है. इसके बाद हर 10 प्रतिशत पर दामों में बदलाव हो जाता है.
बीते दिनों फ्लेक्सी फेयर के संबंध में रेल राज्य मंत्री राजेन गोहेन ने लोकसभा में कहा था कि रेलवे बोर्ड फ्लेक्सी फेयर की अपनी स्कीम बदल सकता है. उन्होंने लिखित जवाब में कहा था कि इस पर विचार के लिए बनी विशेष कमेटी ने कुछ अहम सिफारिशें की हैं. इनके मुताबिक अगर ट्रेन में सीटें ज्यादा खाली हों तो टिकट दर घटाई भी जा सकती है.
फ्लेक्सी फेयर का कॉन्सेप्ट एयरोप्लेन के फेयर सिस्टम से आया है. देश में अभी राजधानी, दुरंतो और शताब्दी ट्रेनों में फ्लेक्सी फेयर योजना लागू है. इस योजना में ट्रेन में 40 प्रतिशत सीट भर जाने पर शेष बची हुई सीटों पर 10 प्रतिशत अधिक किराया लगता है. यह किराया केवल बेसिक फेयर के रूप में ही बढ़ता है यानी की सीटें घटेंगी और किराया बढ़ता जाएगा.