मुंबई हमलों के बाद समुद्री सुरक्षा के लिहाज से कोस्ट गार्ड की ताकत तीन गुना बढ़ी
दूसरे बैच के पांचों पोत एक साथ भारतीय तटरक्षक बल के बेड़े में शामिल होंगे
नई दिल्ली। मुंबई में 2008 के हमलों के बाद से अब समुद्री सुरक्षा के लिहाज से भारतीय तट रक्षक बल की ताकत 3 गुनी बढ़ गई है। समर्थ श्रेणी के 6 अपतटीय गश्ती पोत पहले से ही इंडियन कोस्ट गार्ड के पास हैं। पांच गश्ती पोत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ दृष्टिकोण के अनुरूप स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित किये गए हैं। गोवा शिपयार्ड लिमिटेड में स्वदेशी रूप से तैयार किया गया अंतिम और पांचवा पोत ‘सक्षम’ सोमवार को गोवा तट पर तट रक्षक बल को सौंप दिया गया। दूसरे बैच के पांचों पोत अभी भारतीय तटरक्षक बल के बेड़े में शामिल नहीं हुए हैं। तटरक्षक बल वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन ‘तटरक्षिका’ की अध्यक्ष जयंती नटराजन ने गोवा शिपयार्ड लिमिटेड के महानिदेशक के नटराजन की उपस्थिति में अपतटीय गश्ती पोत ‘सक्षम’ को गोवा तट पर भारतीय तट रक्षक बल को सौंपा। मुंबई में 2008 के हमलों के बाद भारत सरकार ने भारतीय तटरक्षक बल की संपत्ति और बुनियादी ढांचे को तिगुना करने के लिए एक कार्यक्रम शुरू किया। तत्कालीन सरकार ने समर्थ श्रेणी के 11 अपतटीय गश्ती जहाजों का निर्माण करने का फैसला लिया। इसके बाद 1 अप्रैल 2010 को रक्षा मंत्रालय ने पहले बैच में छह अपतटीय गश्ती जहाजों का अधिग्रहण करने के लिए अधिसूचना जारी की। तकनीकी मूल्यांकन और वाणिज्यिक बोली के बाद 1800 करोड़ रुपये का अनुबंध 9 मई 2012 को गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (जीएसएल) के साथ किया गया।