SGPGI लखनऊ का गौरवशाली इतिहास, विगत 37 वर्षाें में स्थापित की पहचान : योगी

उल्लेखनीय कार्य करने वाले चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल कर्मियों को पुरस्कृत किया
सीएम योगी ने एसजीपीजीआईके 37वें स्थापना दिवस समारोह को सम्बोधित किया

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एस0जी0पी0जी0आई0), लखनऊ का गौरवशाली इतिहास रहा है। विगत 37 वर्षाें में इस संस्थान ने प्रदेश के साथ ही अन्य राज्यों में भी अपनी पहचान स्थापित की है। इस संस्थान के चिकित्सकों, रेजीडेंट्स के प्रति लोगों में विशेष भाव है। उन्होंने कहा कि एस0जी0पी0जी0आई0, लखनऊ की लम्बी यात्रा शेष है। इसके दृष्टिगत संस्थान को अपने आपको तकनीकी रूप से अद्यतन करते हुए भावी चुनौतियों के लिए तैयार करना चाहिए। मुख्यमंत्री सोमवार को यहां संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान के 37वें स्थापना दिवस समारोह के अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बेस्ट रिसर्च पेपर के लिए संस्थान के विभिन्न फैकल्टी मेम्बर्स को सम्मानित किया। उन्होंने उल्लेखनीय कार्य करने वाले चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल कर्मियों को भी पुरस्कृत किया। कार्यक्रम के दौरान प्रदेश के 06 मेडिकल काॅलेजों में टेलीमेडिसिन आई0सी0यू0 की स्थापना हेतु पावर ग्रिड काॅरपोरेशन आॅफ इण्डिया लि0 एवं एस0जी0पी0जी0आई0 के मध्य एम0ओ0यू0 का आदान-प्रदान हुआ। एम0ओ0यू0 के माध्यम से पावर ग्रिड काॅरपोरेशन आॅफ इण्डिया द्वारा काॅरपोरेट सोशल रिस्पाॅन्सबिलिटी के अन्तर्गत 07 करोड़ रुपये की धनराशि एस0जी0पी0जी0आई0 को इस परियोजना के लिए प्रदान की गयी है।

सीएम योगी ने टेलीमेडिसिन आई0सी0यू0 की स्थापना धनराशि प्रदान करने के लिए पावर ग्रिड काॅरपोरेशन आॅफ इण्डिया लि0 को धन्यवाद देते हुए कहा कि टेलीमेडिसिन वर्तमान समय की आवश्यकता है। प्रदेश में कोविड-19 के विरुद्ध लड़ाई को प्रभावी ढंग से आगे बढ़ाने में इसकी उपयोगिता महसूस की गयी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा कोविड-19 के उपचार के लिए प्रत्येक जनपद में डेडीकेटेड कोविड अस्पतालों की स्थापना करायी गयी। इसके लिए अस्पतालों की थ्री-टायर व्यवस्था की गयी। विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी दूर करने के लिए एस0जी0पी0जी0आई0, के0जी0एम0यू0 तथा आर0एम0एल0 आयुर्विज्ञान संस्थान द्वारा ई-आई0सी0यू0 संचालित किये गये, जिससे कोविड-19 के उपचार में बहुत लाभ हुआ। सीएम ने कहा कि जहां सम्भावनाएं होती हैं, वहीं अपेक्षाएं भी होती हैं। एस0जी0पी0जी0आई0 से लोगों को बड़ी अपेक्षा है। संस्थान को अपेक्षाओं पर खरा उतरने के लिए पूर्ण प्रयास करते हुए भावी पीढ़ी के लिए उदाहरण कायम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जनपद गोरखपुर व रायबरेली में शीघ्र ही एम्स पूरी तरह संचालित हो जाएंगे। एम्स के समकक्ष ही बी0एच0यू0, वाराणसी भी विकसित किया जा रहा है। साथ ही, कई अन्य महत्वपूर्ण चिकित्सा संस्थान भी स्थापित किये जा रहे हैं। एस0जी0पी0जी0आई0 को इन संस्थानों के साथ स्वस्थ प्रतिस्पर्धा करनी होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि एस0जी0पी0जी0आई0 को ‘आयुष्मान भारत’ जैसी शासन की योजनाओं से जुड़कर जनता को चिकित्सा सुविधाएं सुलभ करानी चाहिए। अभी तक संस्थान द्वारा आयुष्मान भारत योजना के माध्यम से 740 से अधिक रोगियों को निःशुल्क उपचार प्रदान किया गया है। बिना किसी भेदभाव के अधिक से अधिक रोगियों को इस योजना से लाभान्वित करने के लिए एस0जी0पी0जी0आई0 को कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि संस्थान द्वारा कोविड-19 के दौरान संक्रमित रोगियों के उपचार के लिए अपने ट्राॅमा सेन्टर को शीघ्रता से राजधानी कोविड अस्पताल में परिवर्तित कर रोगियों को सराहनीय चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करायी गयी। मुख्यमंत्री ने कहा कि एस0जी0पी0जी0आई0 विभिन्न चिकित्सा सुविधाओं को तत्परता से बढ़ाया जाना चाहिए। हिपेटोलाॅजी विभाग को कार्यशील किये जाने के साथ ही लिवर ट्रांसप्लाण्ट, हार्ट ट्रांसप्लाण्ट जैसी अंग प्रत्यारोपण सुविधाएं शीघ्र प्रारम्भ की जानी चाहिए। यहां पर डायबिटीज के रोगियों के लिए सेन्टर की स्थापना का कार्य भी त्वरित गति से आगे बढ़ाया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में मेडिकल काॅलेजों का वृहद तंत्र विकसित किया गया है। आजादी के बाद वर्ष 1947 से 2017 तक प्रदेश में 12 मेडिकल काॅलेज थे। विगत 03 वर्षाें में 30 नये मेडिकल काॅलेज बनाये जा रहे हैं। प्रत्येक जनपद में लाइफ सपोर्ट एम्बुलेन्सेज उपलब्ध करायी गयी हैं। जिला अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को सुदृढ़ किया गया है। इसके फलस्वरूप प्रदेश सरकार ने कोविड-19 के विरुद्ध प्रभावी संघर्ष किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोविड-19 से बचाव और उपचार के प्रभावी प्रयासों की सराहना डब्ल्यू0एच0ओ0 द्वारा भी की गयी है।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि कोरोना काल में एसजीपीजीआई द्वारा प्रशंसनीय कार्य किया गया है। एस0जी0पी0जी0आई0 की सफलता में मुख्यमंत्री योगी के मार्गदर्शन एवं संस्थान के चिकित्सकों एवं अन्य कर्मियों की साधना और समर्पण की भूमिका है। उन्हांेने कहा कि एसजीपीजीआई को अनुसंधान कार्याें पर विशेष ध्यान देना चाहिए। राज्य सरकार संस्थान को आगे बढ़ाने में सक्रिय सहयोग करेगी। कार्यक्रम को इण्डियन काउंसिल आॅफ मेडिकल रिसर्च के डीजी प्रो0 बलराम भार्गव ने वर्चुअल माध्यम से सम्बोधित किया। कार्यक्रम मेें अतिथियों को स्वागत एसजीपीजीआई के डायरेक्टर डाॅ0 आरके धीमन ने किया। उन्होंने एसजीपीजीआई की प्रगति रिपोर्ट भी प्रस्तुत की। कार्यक्रम के अन्त में संस्थान के संकायाध्यक्ष एसके मिश्र ने अतिथियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। स अवसर पर चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री संदीप सिंह, मुख्य सचिव आरके तिवारी, अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा डाॅ0 रजनीश दुबे सहित वरिष्ठ अधिकारी, एसजीपीजीआई के फैकल्टी मेम्बर्स व अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।

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