अमेरिका में कोरोना वैक्सीन को देशभर में पहुंचाने का काम शुरू हो चुका है। इसके तहत वैक्सीन की लाखों खुराक को विमानों और ट्रकों के माध्यम से पहुंचाया जा रहा है। कार्गो कंपनी फेडएक्स और यूनाइटेड पार्सल सर्विस (यूपीएस) के विमान और ट्रक इस काम को अंजाम दे रहे हैं। केंटकी और टेनेसी जहां पर इन कंपनी का हब है, से वैक्सीन को भेजा जा रहा है। इसके साथ ही अमेरिका में वैक्सीन के डिस्ट्रीब्यूशन और इसकी वैक्सीनेशन का काम भी काम शुरू हो जाएगा। अमेरिका में उठाए गए इस कदम के बाद लाखों लोगों की उम्मीदें एक बार फिर से जग उठी हैं।
रिकॉर्ड मामले आ रहे सामने
गौरतलब है कि अमेरिका में बीते कुछ दिनों से कोरोना संक्रमण के हर रोज दो लाख से अधिक नए मामले सामने आ रहे हैं, जो एक रिकॉर्ड है। बीते करीब 6-7 माह से ही अमेरिका दुनिया में सबसे अधिक कोरोना संक्रमण का शिकार है। रॉयटर्स के मुताबिक वर्तमान में अमेरिका में कोरोना संक्रमण के 16,107,064 मरीज हैं। वहीं अब तक इसकी वजह से 298,101 मरीज अपनी जान गंवा चुके हैं और 6,788,110 मरीज ठीक भी हुए हैं। वहीं पूरी दुनिया की यदि बात करें तो इसकी चपेट में आने वाले मरीजों की 71,196,935 तक जा पहुंची है और 1,609,452 मरीज इसकी वजह से अब तक दम तोड़ चुके हैं। पूरी दुनिया में अब तक करीब 45,902,858 मरीज ठीक भी हुए हैं।
बस 24 घंटे की दूरी
केंटकी के गवर्नर एंडी बेशर ने सलाह दी है कि कोरोना का पहली वैक्सीन उनके ही राज्य में दी जानी चाहिए। यहां पर यूपीएस का बड़ा सेंटर भी है। वहीं टेनेसी में फेडएक्स का कार्गो हब है। एंडी ने एक ट्वीट कर कहा है कि हम वैक्सीन और इस वायरस को खत्म करने से केवल 24 घंटे की दूरी पर है। कल सुबह इसको देने की शुरुआत हो जाएगी। आपको बता दें कि बीते शुक्रवार को ही अमेरिका में फाइजर ओर जर्मनी की कंपनी बायोएनटेक द्वारा विकसित की गई वैक्सीन को आपात सेवा में उपयोग के लिए हरी झंडी दी गई थी। इसके बाद ही कंपनी की तरफ से इसका डिस्ट्रीब्यूशन शुरू किया गया है। कार्गो के जरिए भेजे जाने के दौरान इन वैक्सीन को सुरक्षित बनाए रखने के सभी उपाय किए गए हैं। इन्हें बेहद कम तापमान में रखा गया है।
इसलिए एहतियात जरूरी
आपको यहांं पर ये भी बता दें कि इन दोनों कंपनियों द्वारा विकसित की गई वैक्सीन को माइनस 70 डिग्री सेल्सियस के तापमान में रखना जरूरी होगा। इसके अलावा इन्हें लगाने के लिए जब इन कंटेनर से निकाला जाएगा तब भी समय का खास ध्यान रखना होगा। फाइजर कंपनी का फेसेलिटी सेंटर कलामजू, मिशीगन में मौजूद है। फेडएक्स कंपनी के विमान ग्रांड रेपिड और लांसिंग में तैयार खड़े हैं।
वैक्सीन के साथ उम्मीद की जा रही डिलीवर
यूपीएस ने वैक्सीन के ट्रांसपोर्ट के लिए बोयले ट्रांसपोर्ट की सेवा ली है। इस कंपनी के उपाध्यक्ष का कहना है कि वो केवल वैक्सीन को ही ट्रांसपोर्ट नहीं कर रहे हैं बल्कि एक उम्मीद को दूसरी जगह पर लेकर जा रहे हैं। इन वैक्सीन को पूरी सुरक्षा के साथ दूसरी जगहों पर पहुंचाया जा रहा है। इस कंपनी के एक कर्मी का कहना है कि वो इस काम को करते हुए काफी सम्मानित महसूस कर रहा है। गौरतलब है कि वैक्सीन को सबसे पहले हेल्थ वर्कर्स और गंभीर मरीजों को दिया जाएगा। इस वैक्सीन की दो खुराक तीन सप्ताह के अंदर दी जाएंगी। इस बीच पब्लिक हेल्थ ऑफिशियल्स ने लोगों से अपील की है कि वैक्सीन लगने के बाद भी वो मुंह पर मास्क लगाकर रखें और भीड़-भाड़ वाली जगहों से दूर ही रहें।
मार्च तक 30 फीसद लोगों को दी जाएगी वैक्सीन
रॉयटर्स ने यूएस ऑपरेशन वार्प स्पीड के चीफ एडवाइजर डॉक्टर मॉनसेफ स्लाओई के हवाले से कहा है कि अमेरिका में मार्च तक करीब 30 फीसद लोगों को इसके जरिए वैक्सीनेट किया जाएगा। खबरके मुताबिक उन्होंने एक इंटरव्यू में इस तरह का बयान दिया है। उनका ये भी कहना है कि वायरस के पूरी तरह से खत्म होने के बाद भी कुछ माह तक मास्क का उपयोग करना जरूरी होगा। उनके मुताबिक अमेरिका में लोग सुरक्षा को ताक पर रख रहे हैं जिसकी वजह से मामले बेहद तेजी बढ़ रहे हैं। उनके मुताबिक करीब 4 करोड़ वैक्सीन 2 करोड़ लोगों के लिए काफी होंगी। इनका डिस्ट्रीब्यूशन दिसंबर के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा। कंपनी इसका दूसरा और तीसरा स्लॉट भी कुछ माह के अंतराल में जारी कर देगी। गौरतलब है कि फाइजर कंपनी ने अपनी वैक्सीन को 95 फीसद तक कारगर बताया है। यूएपीएस और फेडएक्स के कर्मियों और ड्राइवर्स को सभी तरह के पार्सल में वैक्सीन की डिलीवरी को प्राथमिकता देने को कहा गया है।