कोरोनाकाल और पुलिस के सख्त पहरे के बीच सोमवती अमावस्या पर हरकी पैड़ी सहित अन्य गंगाघाटों पर श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। इसके साथ ही पितरों के निमित्त तर्पण और दान देकर पुण्य भी अर्जित किया। बता दें कि इस स्नान पर रोक नहीं लगाई गई थी, लेकिन कोविड के मद्देनजर स्नान की सशर्त अनुमति दी गई। घाटों पर क्षमता के 60 फीसद श्रद्धालुओं को जाने की अनुमति है। शारीरिक दूरी और मास्क की अनिवार्यता का पालन करना होगा। बीमार और कोविड के लिहाज से संदिग्ध मरीजों को जिले की सीमा में दाखिल नहीं होने दिया जाएगा।
सोमवती अमावस्या स्नान को सभी अमावस्याओं के स्नान में प्रमुख माना जाता है। कुंभ-अर्द्धकुंभ के स्नानों के बाद इस स्नान पर सबसे अधिक भीड़ जुटती है। यही कारण है कि सोमवार तड़के ही हरकी पैड़ी सहित अन्य गंगा घाटों पर स्नान का क्रम शुरू हो गया। रविवार रात से ही अमावस्या का पुण्य काल शुरू हो गया था। इसलिए रविवार से ही लोग हरिद्वार पहुंचने लगे थे। अल सुबह से ही श्रद्धालुओं के डग हरकी पैड़ी की ओर बढ़ते रहे। ब्रह्म मुहूर्त से स्नान शुरू हुआ। दिन चढ़ने के साथ भीड़ बढ़ने लगी है।
स्नान के चलते हरकी पैड़ी, सर्वानंद घाट, बिरला घाट, लवकुश घाट, विश्वकर्मा घाट, प्रेमनगर आश्रम घाट आदि घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ नजर आ रही है। इस दौरान व्यवस्थाएं बनाने के लिए पुलिस भी सतर्क है। सनातनी मान्यता के अनुसार अमावस्या पर पितृों के निमित भी कर्मकांड किए जा रहे हैं।
नारायणी शिला, कुशावर्त घाट पर लोग कर्मकांड कर पितरों की आत्मशांति के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। इस बीच पुलिस-प्रशासन भी पूरी तरह मुस्तैद है।
आपको बता दें कि इससे पहले कोविड के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए जिला प्रशासन ने कांवड़ के बाद पिछले दिनों कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा घाटों पर स्नान की पाबंदी लगाई गई थी, लेकिन आज को पड़ने वाली अमावस्या के स्नान के लिए जिला प्रशासन ने एक प्रकार से सशर्त अनुमति दी।
रविवार को जिलाधिकारी सी रविशंकर और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सेंथिल अवूदई कृष्णराज एस ने सोमवती स्नान के लिए की जा रही तैयारियों की समीक्षा की, साथ ही अधीनस्थों को ब्रीफ्रिंग दी। उन्होंने बताया कि मेला क्षेत्र को 10 जोन और 37 सेक्टरों में बांटा गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की गाइडलाइन का पालन कराने का जिम्मा जोनल और सेक्टर मजिस्ट्रेटों को सौंपा गया है। उन्होंने बताया कि गंगा घाटों पर शारीरिक दूरी और मास्क के नियम का अनुपालन के लिए टीमें गठित की गई हैं।
एसएसपी के अनुसार गंगा घाटों पर क्षमता से 60 फीसद से ज्यादा श्रद्धालुओं को जमा नहीं होने दिया जाएगा। भीड़ का दबाव बढऩे पर बाहरी श्रद्धालुओं को जिले की सीमाओं पर रोक दिया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग सीमा पर संदिग्ध कोविड मरीजों की पहचान के लिए एंटीजन टेस्ट और थर्मल स्क्रीनिंग करेगा। इन दिनों कुंभ के लिए बाहरी राज्यों से पुलिस कर्मी हरिद्वार पहुंच रहे हैं। अब तक 800 कर्मचारी पहुंच चुके हैं। सोमवती स्नान पर व्यवस्थाएं संभालने के लिए इनकी भी मदद ली जाएगी।