लखनऊ। कृषि कानूनों के विरोध में विपक्ष की सियासत जारी है। विरोधी दल मामले को लेकर लगातार सरकार को घेरने में जुटे हैं। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुरुवार को कहा कि सरकार के सभी फैसलों में उसकी मनमानी नहीं आम जनता की भागीदारी होनी चाहिए। अखिलेश ने अपने ट्वीट में कहा कि ‘किसान आन्दोलन’ भारत के इस लोकतांत्रिक मूल्य की पुनर्स्थापना का भी आन्दोलन है कि सरकार के सभी फैसलों में आम जनता की भागीदारी होनी चाहिए। सरकार की मनमानी नहीं। इसीलिए भारत में लोकतंत्र को बचाने के लिए देश का हर नागरिक भी आज ‘किसान आन्दोलन’ के साथ भावात्मक रूप से जुड़ता जा रहा है।
वहीं प्रदेश सरकार की ओर से भी विपक्ष पर किसानों के नाम पर सियासत करने का आरोप लगाते हुए पलटवार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को कहा कि हर तरह से हताश-निराश विपक्ष किसानों को गुमराह करने में लगा है वहीं केन्द्र और प्रदेश सरकार किसानों का हित साधने में दिन-रात प्रयास कर रही हैं। किसानों को कई तरह की सब्सिडी भी दी जा रही है। मृदा परीक्षण के कई कार्यक्रम शुरू करने के साथ ही न्यूनतम समर्थन मूल्य दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत 2.20 करोड़ से अधिक किसानों के खाते में धनराशि भेजी गई है। वहीं विपक्ष, किसानों को भड़काने की राजनीति कर रहा है। किसानों को विपक्ष के इस षड्यंत्र से सचेत रहना होगा। पहले जहां किसान को 100 रुपये में से सिर्फ 10 रुपये ही मिलते थे, 90 रुपये बिचौलिए ले लेते थे। हमारी सरकार ने इस प्रथा को ही समाप्त कर दिया। अब पूरी धनराशि सीधे किसान के खाते में जाती है। बिचौलिया प्रथा खत्म होने से विपक्ष बेचैन है।