वाराणसी-प्रयागराज के बीच दोहरीकरण का काम पूरा माघ मेले से पहले दुरुस्त होंगी व्यवस्थाएं

राज्यमंत्री रवीन्द्र जायसवाल ने रेल जीएम को सौंपा मांगपत्र

-सुरेश गांधी

वाराणसी। माघ मेले के मद्देनजर उत्तर रेलवे में तैयारियां चल रही हैं जो जल्द ही पूरी हो जाएंगी। ट्रेनों की समयबद्धता सुधारने के लिए जोन में कवायद चल रही है। सेक्शन से गुजरने वाली ट्रेनों को गति प्रदान करने की दिशा में काम चल रहा है। यह बातें उत्तर रेलवे के नवागत महाप्रबंधक आशुतोष गंगल ने कही। वह मंगलवार को कैंट स्टेशन पर निरीक्षण के उपरांत पत्रकारों से रूबरू थे। उन्होंने बताया कि कैंट स्टेशन के द्वितीय प्रवेश द्वार के लिए प्रस्तावित परियोजना में भूमि से जुड़े मसले सुलझाने पर तेजी से चर्चा चल रही है। काशी स्टेशन पर भी रेलवे की भूमि को कब्जामुक्त कराया जाएगा, ताकि मल्टी मॉडल टर्मिनल की परियोजना साकार हो सके। इसके पूर्व कैंट स्टेशन पर निरीक्षण के दौरान महाप्रबंधक ने विकास कार्यों का हाल जाना। मुख्य भवन के विस्तार, रिमॉडलिंग कार्य व यात्री सुविधा के बाबत प्रस्तावित योजनाओं का स्थलीय मुआयना किया। उन्होंने अधीनस्थों को काम में तेजी लाने के निर्देश दिए। इसके पश्चात उत्तरीय रेलवे मजदूर यूनियन, नॉर्दर्न रेलवे मेंस यूनियन व कुली यूनियन ने महाप्रबंधक को ज्ञापन सौंपा। वहीं, रेलवे कॉलोनी के बाशिंदों ने क्षेत्र में व्याप्त गंदगी की समस्या पर उनका ध्यान आकृष्ट कराया।

लोहता और शिवपुर स्टेशन पर ट्रेनों के ठहराव की मांग

वाराणसी कैंट स्टेशन के दोनों तरफ के सम्बद्ध शिवपुर एवं लोहता स्टेशनों पर ट्रेनों का ठहराव होगा। इससे कैंट स्टेशन एवं शहर में होने वाले भीड़ को काबू किया जा सकेगा। राज्य मन्त्री रवीन्द्र जायसवाल ने मंगलवार को उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गंगल, मण्डल रेल प्रबंधक लखनऊ संजय त्रिपाठी व उत्तर रेलवे के सभी विंग के प्रमुख अधिकारियों के साथ बैठक की। बता दें, कुछ दिन पूर्व ही मंत्री रवीन्द्र जयसवल ने लखनऊ में डीआरएम लखनऊ के साथ वाराणसी के रेलवे स्टेशनों के विकास व उच्चीकरण को लेकर बैठक की थी व वाराणसी में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ निरीक्षण के लिए कहा था। उसी को देखते हुए मंगलवार को जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा व रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों से केंट रेलवे स्टेशन के लाउंज में बैठक में कहा कि वाराणसी शहर के अंदर ही उत्तर रेलवे के कई छोटे स्टेशन शिवपुर, लोहता, जंसा हैं। जिनके विकास की भी विस्तृत रूपरेखा तैयार होनी चाहिए।

वाराणसी कैन्ट आने वाली रेलगाड़ियां शहर के आउटर स्टेशनों पर अनिवार्य रूप से रुकें। इससे कैन्ट स्टेशन पर आने वाले यात्री स्वतः कम होने और जाम की समस्या से भी निजात मिलेगी। उत्तर रेलवे कर्मचारी आवास जो पिछले 70 वर्षों से बने हैं और अब जीर्ण शीर्ण अवस्था मे हैं जिनसे आये दिन कोई अनहोनी की आशंका बनी रहती है, उन्हें भी हटाकर कर्मचारियों के लिए उसी स्थान पर मल्टीस्टोरी फ्लैटों का निर्माण कराएं, कैन्ट स्टेशन से रोडवेज के निकट 55 वर्ष पूर्व का अंडर पास बना है उसे पुनः खोलकर परिचालन शुरू करें। वही नदेसर में रेलवे परिसर में निर्मित धोबीघाट वाले नाले व रेलवे कॉलोनी में ध्वस्त पड़े सीवर लाइन की नियमित व्यवस्था करने का भी निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि वाराणसी केंट रेलवे स्टेशन के पिछले द्वार को भी मंडुआडीह स्टेशन की भांति सौंदर्यीकरण करें जिससे जौनपुर, आजमगढ़, गाजीपुर व वरुणापार के यात्री उसी द्वार से प्रवेश करें। उन्होंने फिर एक बार काशी के स्टेशनों को काशी की महत्ता व हेरिटेज के अनुसार ही विकसित करने पर जोर दिया। महाप्रबंधक आशुतोष गंगल ने बताया कि स्थानीय अधिकारियों को बैठक में आये बिंदुओं को दृष्टिगत रखते हुए पूरी तैयारी करने को कहा। एडीआरएम रवि प्रकाश चतुर्वेदी ने बताया कि वाराणसी शिवपुर स्टेशन के प्लेटफॉर्म का विस्तार कार्य, शौचालयों का निर्माण व हाईमास्ट लाइट व आधुनिक वेटिंग रूम का निरमा शीघ्र होने जा रहा है।

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