लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बीसी (बिजनेस करेस्पाॅण्डेन्ट) सखी के रूप में चयनित सभी अभ्यर्थियों को प्रशिक्षित कर उन्हें कार्य स्थल पर तैनाती तेजी से की जाए। बीसी सखी के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र में बैंकिंग सुविधाओं की उपलब्धता से ग्रामीण अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होगी। बीसी सखी के माध्यम से बड़े पैमाने पर महिलाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। इससे महिला सशक्तीकरण की दिशा में राज्य सरकार के निरन्तर प्रयासों को नये आयाम मिलेंगे। मुख्यमंत्री मंगलवार को अपने सरकारी आवास पर बीसी सखी के सम्बन्ध में एक प्रस्तुतीकरण का अवलोकन कर रहे थे। प्रस्तुतीकरण अपर मुख्य सचिव ग्राम्य विकास एवं पंचायतीराज मनोज कुमार सिंह ने किया। उन्होंने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि चयनित बीसी सखी का प्रशिक्षण 15 दिसम्बर, से प्रारम्भ किया जाएगा। बीसी सखी के चयन में स्वयं सहायता समूह की अध्यक्षा, समूह सखी, स्वयं सहायता समूह की सदस्य-पदाधिकारी को वरीयता प्रदान की गई। बीसी सखी के लिए प्रथम चरण में 56 हजार 875 आवेदक शाॅर्टलिस्ट किए गए हैं।
मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक अभ्यर्थी को शाॅर्टलिस्ट किया गया है, जिन्हें पहले प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण के बाद सर्टिफिकेशन हेतु आईआईबीएफ द्वारा ऑनलाइन परीक्षा करायी जाएगी। परीक्षा उत्तीर्ण न कर पाने की स्थिति में वेटिंग लिस्ट की अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण पर भेजा जाएगा। सर्टिफिकेशन के उपरान्त पुलिस वेरिफिकेशन की कार्यवाही की जाएगी। मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि चयनित बीसी सखी को डेस्कटाॅप कम्प्यूटर, लैपटाॅप, पाॅश मशीन, कार्ड रीडर, फिंगर प्रिन्ट रीडर-इण्टीग्रेटेड इक्विपमेण्ट के लिए 50 हजार रुपये दिए जाएंगे। इक्विपमेण्ट क्रय बीसी सखी द्वारा स्वयं किया जाएगा। बीसी सखी के खाते में यह पैसा स्वयं सहायता समूह द्वारा ब्याज रहित ऋण के रूप में दिया जाएगा। बीसी सखी को 06 माह तक 04 हजार रुपये प्रति माह स्टाइपेण्ड प्रदान किया जाएगा। इस अवसर पर बीसी सखी की ब्राण्डिंग के लिए यूनीफाॅर्म के निर्धारण के सम्बन्ध में निफ्ट, रायबरेली द्वारा भी एक प्रस्तुतीकरण किया गया।