प्रयागराज। किसान आंदोलन को लेकर धरना प्रदर्शन कर रही पार्टियों पर कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने तीखा प्रहार करते हुए कहा है कि जनता की नजरों से गिर चुकी सपा इन दिनों किसान आंदोलन की भूमि पर वोट बैंक की खेती करने की कोशिश कर रही है। राज्य सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ ने कहा कि किसान आंदोलन के समर्थन में यात्रा करने की घोषणा करने वाले सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव जब तक सत्ता में रहे, किसान कभी भी उसकी प्राथमिकता में नहीं रहा। आज जब केंद्र की मोदी और प्रदेश की योगी सरकार किसानों के मेहनत की पाई-पाई दिलवाने के लिए लगातार काम कर रही है तो सपा को किसानों की सुध आई है। उन्होंने कहा कि किसानों के परम हितैषी बनने का स्वांग रच रहे अखिलेश से पूछा जाना चाहिए कि आखिर क्या कारण रहा कि 2016-17 में प्रदेश में मक्के की खरीद नहीं हुई। योगी सरकार ने आने के साथ ही पहला फोकस बकाये के भुगतान पर किया। तीन साल के दौरान योगी सरकार अब तक 1 लाख 12 हजार करोड़ रुपये से अधिक का गन्ना किसानों का भुगतान कर चुकी है। अब तक किसानों से 277.29 लाख कुंतल धान खरीद की जा चुकी है। यह खरीद पिछले वर्ष से डेढ़ गुना से भी अधिक है। यही नहीं, प्रदेश में 102 मक्का क्रय केंद्रों से अब तक किसानों से 3 लाख 52 हजार कुंतल मक्का की खरीद की जा चुकी है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पर निरन्तर धान खरीद की समीक्षा की जा रही है। धान और मक्का की खरीद का भुगतान 72 घंटे के अन्दर सुनिश्चित किया जा रहा है। लापरवाही बरतने पर पीसीएफ के अधिकारियों को निलम्बित भी किया गया। वहीं, विभिन्न विपक्षी दलों पर एमएसपी को लेकर भ्रम फैला रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने बार-बार कहा है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य की प्रणाली सतत् जारी रहेगी। बावजूद इसके, कुछ अराजक तत्व, नए कृषि कानून को लेकर किसानों को भ्रमित कर रहे हैं। श्री सिंह ने कहा कि अखिलेश यादव ने मंडियों को खत्म करने की आशंका जताकर किसानों को बरगलाने की कुत्सित कोशिश की है। शायद उन्हें यह नहीं पता कि योगी सरकार ने पिछले दिनों मंडी शुल्क घटाकर एक फीसदी कर दिया है।
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि किसानों को बर्बाद करने वालों को किसान हित में आंदोलन करना हास्यास्पद है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंशानुसार मुख्यमंत्री के लिए 2022 तक किसानों की आय दोगुना करना सिर्फ वायदा नहीं संकल्प है। सरकार किसानों की आय बढ़ाने के साथ उनको आर्थिक एवं सामाजिक सुरक्षा भी दे रही है। पीएम किसान सम्मान योजना के तहत अब तक दो करोड़ से अधिक किसानों को लाभान्वित किया जा चुका है। बीमा योजना के दायरे में पहली बार बंटाईदारों को शामिल किया गया है। किसानों को उनके उपज का वाजिब दाम मिले इसके लिए एमएसपी पर खरीद हमारी प्रतिबद्धता है। एमएसपी को लेकर भ्रम वही फैला रहे हैं जिनके लिए किसान अब तक सिर्फ वोट बैंक रहे हैं।