एनडीआरएफ व स्थानीय गोताखोरों को भी लगाया गया
वाराणसी। भदैनी घाट के सामने ओवरलोड नाव के गंगा में डूबने के कारण दो नहीं चार युवक लापता हुए थे। तीन युवकों के शव सोमवार को जानकी घाट, आनंदमयी घाट और चेतसिंह घाट के सामने गंगा से बरामद हो गए। मृतकों में शिवपुर के लक्ष्मणपुर निवासी विशाल सिंह (23) और बजरडीहा के शाहिद जुनैद व शाहनवाज है। जबकि लक्ष्मणपुर के अभिषेक मौर्या का शव अभी नहीं मिल सका है। उसकी खोजबीन के लिए गंगा में सर्च ऑपरेशन जारी है। इसके लिए एनडीआरएफ व स्थानीय गोताखोरों को भी लगाया गया है। गंगा के तटवर्ती थानों को अलर्ट किया गया है। साथ ही गशती दल लगाए गए है। जो गंगा व किनारे निगाह रखे है। इस दौरान दिन भर भदैनी और आसपास के घाटों पर लोगों की भीड़ उमड़ी रही।
घाट के नाविकों के मुताबिक रामनगर की ओर से गंगा की रेती से रविवार की शाम छह बजे के लगभग एक छोटी नाव भदैनी घाट आ रही थी। नाव में नाविक और 11 युवक-युवतियां सवार थे। इनमें दो छात्राएं, तीन छात्र व आठ अन्य युवक थे। गंगा से सुरक्षित बाहर निकाली गई दो युवतियों और उनके एक दोस्त के अनुसार नाव में क्षमता से अधिक लोगों के बैठने के चलते नाव में पानी भर गया, जिसके कारण वह डूब गई थी। हमलोगों द्वारा आगाह किए जाने के बावजूद नशे में धुत नाविक कुछ सुनने को तैयार नहीं था। जबकि नाविक का कहना है कि नशे में धुत एक युवक के सेल्फी लेने के कारण नाव असंतुलित होकर पलट कर डूब गई थी। घटना के तुरंत बाद गंगा में मौजूद अन्य नाविकों की मदद से नाविक और नौ सवारियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया था, जबकि विशाल सिंह और अभिषेक मौर्या की तलाश की जा रही थी। लेकिन सोमवार को जुनैद का शव मिला। उसके परिजनों का कहना है कि जुनैद के साथ उसका साथी शाहनवाज भी गायब है और दोनों गंगा घाट की ओर घूमने आए थे।
पांच साल बाद मिले छात्र नाव में घूमने आए थे
रेस्कू ऑपरेशन में बचाएं गए छात्र विशाल सोनकर ने बताया िकवह भोजूबीर का है। वर्तमान में बीएचयू से एमकाम कर रहा है। वह और उदय प्रताप पब्लिक कालेज में इंटर में साथ पढ़े चार अन्य दोस्त विशाल सिंह, अभिषेक मौर्या, सौम्या सिंह, सृष्टि सिंह पांच साल बाद मिले थे। पांचों दोस्त रियूनियन पार्टी करने गंगा उस पार गए थे। विशाल सिंह पंजाब के फगवाड़ा की एलपीयू यूनिवर्सिटी से एमसीए कर रहा है। वहीं, अभिषेक ने चेन्नई से कंप्यूटर साइंस में बीटेक किया है और निजी कंपनी में काम करता है। उसके पिता प्रयागराज में कृषि विभाग में संयुक्त निदेशक हैैं। पूरा परिवार प्रयागराज से बनारस आ गया है। सौम्या, सृष्टि बीएड की छात्रा हैैं। विशाल सिंह एमसीए की पढ़ाई के बाद नौकरी की तलाश कर रहा था। रामनगर से वापसी के दौरान पांचों नाव में सवार हुए तो छह अन्य युवक भी आ गए। पांचों ने नाविक से पूछा कि छोटी सी नाव में उसके अलावा 11 अन्य लोग कैसे जाएंगे। इस पर नाविक ने कहा कि सभी लोग आराम से जाएंगे। नाव आगे बढ़ी तो जो दूसरे ग्रुप के छह युवक थे, उनमें से दो बार-बार इधर से उधर हो रहे थे।
इस बीच नाव में पानी भरने लगा और अचानक वह डूब गई। इसके बाद उसे कुछ नहीं याद है और होश आया तो वह खुद को घाट की सीढ़ियों पर पाया। उसे तो विश्वास नहीं हो रहा है कि वह कैसे बच गया। पांच युवक-युवतियोें के अलावा छह अन्य युवक कहां के थे, इसका पता किसी को नहीं लगा। नाविकों ने बताया कि गंगा से बाहर निकाले जाने के बाद सभी छह युवक घाट पर पहुंचे और फिर कहां गए यह नहीं पता लग पाया। पुलिस भी देर रात तक उन छह युवकों के बारे में पता लगाती रही। उधर, घाट पर मौजूद लोगों ने नाव सवार लोगों की जान बचाने के लिए मल्लाह कृष्णा और उसके दोस्तों की तारीफ की। जबकि पुलिस ने हादसे का शिकार बनी नाव के नाविक मनोज साहनी को हिरासत में लिया है। उससे हादसे के बाबत पूछताछ की जा रही है।
पुलिस हिरासत में नाविक
नाविक का कहना है कि उसकी नाव से लोग उस पार नहीं गए थे। उन्होंने तुलसीघाट पर छोडऩे का अनुरोध किया था। इस पर वह उन्हें बैठा लिया था। उधर, हादसे में सही सलामत बचे चार युवकों ने सोमवार की शाम अस्सी पुलिस चौकी पर पहुंचकर बताया कि वे डर गए थे इसलिए सामने नहीं आए। इनमें बड़ी गैबी क्षेत्र निवासी विकास शर्मा, अतुल सिंह, योगेश कुमार व सुनील कुमार शामिल हैं। एनडीआरएफ व जलपुलिस मूक दर्शक की भूमिका में ही रही। शाहिद जुनैद के पिता कल्लू दा व शहनवाज के पिता सलीम खान पेशे से बुनकर हैं। दोनों युवक पिता के साथ ही काम में हाथ बंटाते थे। वे रविवार की दोपहर बाद से घर पर बिना कुछ बताए निकले थे। रातभर नहीं लौटे तो उनके परिवारीजन को चिंता हुई। उन्होंने पुलिस को सूचना दी। इस बीच अभिषेक की तलाश करने के दौरान शाहिद जुनैद का शव मिला तो पुलिस ने भी यह मान लिया कि वह भी अपने साथी शहनवाज के साथ नाव पर सवार था।