कहा, स्वतंत्रता, समानता, न्याय, बन्धुता को लेकर हमेशा याद किए जाएंगे बाबा साहेब
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाबा साहेब डॉ. भीमराव आम्बेडकर के परिनिर्वाण दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में उनको नमन किया और कहा कि गरीबों, दलितों व वंचितों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ना वर्तमान सरकार की प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ. आम्बेडकर जैसा महान व्यक्ति इस धरा पर कभी-कभी आता है, जो आने वाली पीढ़ी को प्रेरणा प्रदान करता है। विश्व में जब भी स्वतंत्रता, समानता, न्याय, बन्धुता की बात होगी, बाबा साहेब को अत्यन्त आदरपूर्वक याद किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा साहेब ने विषम परिस्थितियों में न केवल उच्चतम शिक्षा हासिल की, बल्कि लोगों को न्याय दिलाने के लिए भी आगे आए। उनका मानना था कि सामाजिक व आर्थिक विषमता को दूर कर ही सच्ची स्वाधीनता पाई जा सकती है। भारतीय संविधान, डॉ. आम्बेडकर की जीवन साधना है। डॉ. आम्बेडकर को वैश्विक सम्मान दिलाने में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का महत्वपूर्ण योगदान है।
एक ओर प्रधानमंत्री, बाबा साहेब से जुड़े स्थलों को विकसित कर उनके दर्शन से वर्तमान एवं भावी पीढ़ी को जोड़ने का कार्य कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर डॉ. आम्बेडकर की सोच के अनुरूप विकास कार्यों को भी समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी के बाद भी जिन गांवों को राजस्व ग्राम का दर्जा प्राप्त नहीं था और इन गांवों के लोगों को वोट देने का भी अधिकार नहीं था, उन्हें हमारी सरकार ने यह अधिकार प्रदान किया। राज्य सरकार द्वारा बाबा साहेब के चित्र को सभी सरकारी कार्यालयों में लगाने की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। इस तरह से वर्तमान सरकार ने हर जनपद, तहसील, ब्लॉक तथा गांवों को आंबेडकर जी की स्मृतियों से जोड़ने का काम किया है।
उन्होंने कहा कि गरीबों, दलितों व वंचितों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ना वर्तमान सरकार की प्राथमिकता है। समाज के अंतिम पायदान पर खड़े प्रत्येक गरीब, दलित और वंचित वर्ग के व्यक्ति को प्रधानमंत्री के नेतृत्व में केन्द्र सरकार द्वारा जनधन योजना, गरीब के लिए आवास, घर में शौचालय निर्माण, निःशुल्क बिजली कनेक्शन, निःशुल्क रसोई गैस कनेक्शन जैसी योजनाओं के माध्यम से बेहतर जीवन स्तर उपलब्ध कराया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार ने देश-विदेश में बाबा साहेब डॉ. आम्बेडकर से जुड़े पांच स्थलों को ‘पंच-तीर्थ’ के रूप में स्थापित किया है। इनमें मध्य प्रदेश स्थित उनका जन्म स्थान महू छावनी तथा लंदन का वह घर, जहां ब्रिटेन में रहते हुए उन्होंने अपनी पढ़ाई की, सम्मिलित हैं। इसके साथ ही, नागपुर में दीक्षा भूमि, दिल्ली स्थित महापरिनिर्वाण स्थल तथा मुम्बई में चैत्य-भूमि भी शामिल है। ‘पंच-तीर्थ’ स्थलों के माध्यम से लोगों को बाबा साहब डॉ. आम्बेडकर की दृष्टि एवं विचारों को जानने एवं समझने का अवसर प्राप्त हो रहा है।