एमएसएमई इकाइयों को प्रोत्साहित करने में जुटे सीएम योगी, 10,390 करोड़ का दिया ऋण

एक जनपद एक उत्पाद कार्यक्रम में 5,000 प्रशिक्षार्थियों को बांटे टूलकिट

लखनऊ। प्रदेश में कोरोना संक्रमण के बाद आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने और रोजगार के नए अवसर सृजित करने के लिए योगी सरकार सूक्ष्म लघु एवं मध्यम (एमएसएमई) इकाइयों को प्रोत्साहित करने में जुटी है। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रदेश में 3,54,825 एमएसएमई इकाइयों को 10,390 करोड़ रुपये का ऋण वितरित एवं एक जनपद एक उत्पाद कार्यक्रम के अन्तर्गत 5,000 प्रशिक्षार्थियों को टूलकिट वितरित किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि यह टूलकिट हैंडलूम, हैंडीक्राफ्ट टैक्सटाइल, खाद्य प्रसंस्करण, पॉटरी आदि से संबंधित है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सभी कार्यक्रम प्रदेश के अंदर औद्योगिक विकास को एक नई गति देने, प्रत्येक नागरिक के जीवन में खुशहाली लाने और आत्मनिर्भर भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कल्पना को साकार करने की दिशा में प्रदेश सरकार के उठाए कदमों का हिस्सा है।

उन्होंने कहा कि कोरोना कालखंड के दौरान प्रदेश ने जिस स्तर पर कार्य प्रारम्भ किया और भारत सरकार की योजनाओं को हाथों-हाथ लेकर उसका लाभ लोगों तक पहुंचाया, आज उसका परिणाम देखने को मिल रहा है। प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत 20 लाख करोड़ रुपये से अधिक के आर्थिक पैकेज की घोषणा की। इसका लाभ प्रदेश के लोगों को भी मिला। प्रदेश सरकार ने कोरोना के दौरान प्रदेश में आए हुए जितने भी कामगार, श्रमिक और अन्य प्रवासी मजदूर थे, उनके स्वाबलम्बन, रोजगार, स्वत: रोजगार उपलब्ध कराने के लिए कार्यक्रम प्रारंभ किया और उसके तहत केन्द्र और प्रदेश सरकार की योजनाओं से उन्हें जोड़ने का कार्यकम प्रारम्भ किया गया। प्रदेश के अंदर सभी योजनाओं का लाभ इन लोगों को उपलब्ध कराने में हमें काफी हद तक सफलता प्राप्त हुई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 14 मई 2020 को ऑनलाइन स्वरोजगार संगम कार्यक्रम के अंतर्गत 56,754 नई एमएसएमई को 2,002 करोड़ के ऋण वितरित कराने का कार्य किया गया। यानी जिस दिन भारत सरकार ने आर्थिक पैकेज की घोषणा की थी उसके अगले दिन ही उत्तर प्रदेश इस तरह की पहल करने वाला पहला राज्य बना। इसके साथ ही इस दिन ‘एमएसएमई साथी पोर्टल’ और ‘मोबाइल ऐप’ का भी शुभारम्भ किया गया। उन्होंने काह कि 26 जून को प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत रोजगार कार्यक्रम का भी शुभारम्भ किया। इस पैकेज के अन्तर्गत एमएसएमई सेक्टर की पूर्व में स्थापित 2,67,980 इकाइयों को 6,565 करोड़ रुपये ऋण वितरित करने के साथ ही 1,35,666 नवीन इकाइयों को भी 4,034 करोड़ रुपये का ऋण ऋण वितरित किया गया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार 4,03,646 इकाइयों को 10,999 करोड़ रुपये के ऋण इससे पूर्व भी उपलब्ध कराया गया। उन्होंने कहा कि एमएसएमई सेक्टर की मदद अभियान के तीसरे चरण में पूर्व में स्थापित 1,29,538 इकाइयों को 3,180 करोड़ रुपये का कर्ज आत्मनिर्भर भारत योजना के अंतर्गत वितरित किया गया। इसके अलावा 1,29,753 नई इकाइयों को भी 4,661 करोड़ के ऋण वितरित किए गए। उन्होंने कहा कि 2,69,291 एमएसएमई कार्यों को 7841 करोड़ रुपये के कर्ज वितरित कराए गए।

मुख्यंत्री ने कहा कि केन्द्र के आत्मनिर्भर भारत पैकेज से प्रदेश की एमएसएमई इकाइयों को अधिक से अधिक लाभ प्राप्त हो सके, इसके लिए एमएसएमई विभाग ने लगातार बैंकों से समन्वय स्थापित करने का जो कार्य प्रारंभ किया गया है, आज उसका परिणाम है कि व्यापक पैमाने पर प्रदेश के हर एक जनपद में ऑनलाइन लोन मेला आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसी वजह से जिन क्षेत्रों में लोन की समस्या थी और कोई भी युवा अपना कारोबार स्थापित करना चाहता था, या अपने परम्परागत हस्तशिल्प को आगे बढ़ाने के लिए उसे थोड़ी पूंजी की आवश्यकता थी, उस पूंजी की व्यवस्था अब उसे मुहैया कराई जा रही है।

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