कानपुर। कोविड-19 महामारी के दौरान संक्रमण के खतरे को देखते हुए जिला कारागार से लगभग 69 कैदियों को पैरोल पर रिहा किया गया था। लॉक डाउन के बाद अब तक इनमें से 32 कैदियों का कुछ पता नहीं चल रहा है। लापता इन कैदियों को लेकर जहां जेल प्रबंधन के माथे पर लकीरें हैं। इनका सुराग लगाने के लिए एलआईयू व पुलिस प्रशासन को लगाया गया है। जानकारी के मुताबिक, कोरोना महामारी की शुरुआत के बाद जेल में भी संक्रमण फैलने का खतरा मंडरा रहा था। इसको देखते हुए सरकार ने कैदियों की सुरक्षा को लेकर उचित कदम उठाने की बात कही। इसके बाद जेल प्रशासन ने कुछ शर्तों पर करीब 69 कैदियों को पैरोल पर रिहा कर दिया। प्रशासन ने जिन कैदियों को पैरोल पर रिहा किया था लॉक डाउन खत्म होने उनमें से करीब 37 कैदी ही जेल वापस लौटे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, अभी भी 32 कैदी कारागार वापस नहीं लौटे हैं और अब उनका कुछ पता भी नहीं चल रहा है। लापता कैदियों की सूची एलआईयू व पुलिस प्रशासन सौंपकर अब खोज कराई जा रही है।
आपको बताते चलें कि, जेल में बंद करीब 69 कैदियों को कोरोना काल के दौरान लॉकडाउन लगाने के बाद पैरोल पर छोड़ा गया था। सभी 69 कैदियों को 30 नवंबर लौटने की अंतिम तारीख थी, लेकिन इनमें से केवल 37 बंदी कारागार वापस लौटे हैं। अभी भी 32 बंदी आना बाकी हैं और अब इनका कुछ सुराग नहीं मिल रहा है। पुलिस प्रशासन के लिए सिरदर्द बन चुके जिला जेल के ये कैदी कहां है किसी को नहीं पता। उनका घर पर नहीं मिलना पुलिस प्रशासन के लिए चिंता का विषय बनता जा रहा है। हांलाकि इस मामले पर ना तो जेल प्रशासन कुछ बोल रहा है ना ही पुलिस प्रशासन के आलाधिकारी ही कुछ बताने को तैयार है। ऐसे में लापता कैदी कौन सी बड़ी वारदात को अंजाम दे डाले इसको लेकर पुलिस प्रशासन की चिंता बढ़ा रखी है।