लखनऊ। कृषि कानूनों के विरोध में विपक्ष की सियासत जारी है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इसे किसानों की आय दोगुनी करने का जुमला देकर जमीन हड़पने का षड्यंत्र करार दिया है। अखिलेश ने मंगलवार को ट्वीट किया कि आय दोगुनी करने का जुमला देकर कृषि कानून की आड़ में किसानों की जमीन हड़पने का जो षड्यंत्र है वो हम खेती-किसानी करने वाले अच्छे से समझते हैं। उन्होंने कहा कि हम अपने किसान भाइयों के साथ हमेशा की तरह संघर्षरत हैं, जिससे न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी), मंडी व कृषि की सुरक्षा करने वाली संरचना बची-बनी रहे। उन्होंने ट्वीट के अन्त में लिखा भाजपा अब खत्म। इससे पहले कांग्रेस और बसपा भी कृषि कानूनों को लेकर विरोध दर्ज करा चुकी है और उसके नेता सरकार को घेरने में जुटे हैं।
इस बीच कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर शुरू हुआ किसान आंदोलन छठवें दिन में प्रवेश कर गया है। उत्तर प्रदेश के किसानों ने भी यूपी गेट पर कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है। मौके पर धीरे-धीरे किसानों की संख्या बढ़ने लगी है। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को वाराणसी में कृषि कानूनों के विरोध में सियासत को लेकर विपक्ष पर जमकर प्रहार किया। उन्होंने कहा कि पहले सरकार का फैसला पसंद नहीं आने पर विरोध होता था। लेकिन, बीते कुछ समय से अब विरोध का आधार फैसला नहीं बल्कि आशंकाओं को बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अपप्रचार किया जाता है कि फैसला तो ठीक है। लेकिन, इससे आगे चलकर ऐसा हो सकता है। जो अभी हुआ ही नहीं, जो कभी होगा ही नहीं, उसको लेकर समाज में भ्रम फैलाया जाता है। कृषि सुधारों के मामले में भी यही हो रहा है। ये वही लोग हैं जिन्होंने दशकों तक किसानों के साथ लगातार छल किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि दशकों का छलावा किसानों को आशंकित करता है। लेकिन, अब छल से नहीं गंगाजल जैसी पवित्र नीयत के साथ काम किया जा रहा है।