मायावती लव जिहादियों के साथ, विधानसभा चुनाव में दलित देगा जवाब : डॉ.निर्मल

सीएम योगी ने हाशिए के समाज की रक्षा के लिए बनाया कानून

लखनऊ : बसपा प्रमुख मायावती को लव जिहादियों की चिंता है, लेकिन दलितों के उन परिवार वालों की परवाह नहीं है जो इसके शिकार रहे हैं। यही वजह है कि मायावती ने लव जिहाद कानून का विरोध किया है। मायावती ने कभी भी लव जिहाद के मुद्दे पर कार्रवाई की मांग नहीं की है। उन्हें अपने दलित समाज की परवाह नहीं है। लव जिहाद के खिलाफ ट्वीटकर मायावती ने दलित विरोधी मानसिकता का परिचय दिया है। ये बातें अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के अध्यक्ष डॉ.लालजी प्रसाद निर्मल ने कही है। दलितों के सम्मान और स्वाभिमान की बात करते हुए डॉ.निर्मल ने कहा कि मायावती को क्या यह जानकारी है कि लव जिहाद की ज्यादा शिकार आर्थिक रुप से कमजोर और दलित जातियां ही होती हैं। क्या इन जातियों को सम्मान से जीवन जीने का हक नहीं है। मायावती को यह तय करना चाहिए कि वह लव जिहादियों के साथ हैं या हाशिए के समाज के साथ। डॉ. निर्मल ने यह भी कहा है कि लव जिहाद ने सबसे अधिक दलित और अति पिछड़ी जातियों को नुकसान पहुंचाया है।

लव जिहाद का दंश झेल रहे परिवार पूरी तरह से बर्बाद हो गए हैं। इन परिवारों ने न केवल अपना धर्म गंवाया है, बल्कि उनका अस्तित्व भी संकट में है। इन परिवारों को सुरक्षा प्रदान करने और दोषियों पर कार्रवाई करने का प्राविधान यदि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की सरकार कर रही है, तो इसमें गलत क्या है। मायावती को यह बताना चाहिए कि हाशिए की जातियों को सुरक्षित माहौल प्रदान करना और उनकी पहचान को बचाना गलत कैसे हो सकता है। मायावती को लव जिहाद का पैरोकार बताते हुए डॉ. निर्मल ने कहा कि लव जिहाद समर्थकों के वोट बैंक के लिए बसपा मुखिया ऐसा बयान दे रही हैं। वह दलित बेटियों के दुख को नहीं समझ सकतीं। दलित बेटियां ही सबसे अधिक लव जिहाद के निशाने पर होती हैं। खुद को दलित जातियों का मसीहा समझने वाली मायावती को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लव जिहाद कानून का साथ देना चाहिए।

सही अर्थों में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लव जिहाद का कानून बनाकर कमजोर तबके की जातियों को एक सुरक्षा का कवच दे दिया है। आजमगढ़ से लेकर जौनपुर तक दलित जातियों पर जब कट्टरवादियों ने हमले किए तो मायावती मौन रहीं हैं। योगी आदित्यनाथ की सरकार में दलितों का उत्पीड़न करने वालों पर रासुका ही नहीं लगा, बल्कि दलितों को उनके नुकसान का मुआवजा भी मिला है। ऐसे में मायावती का लव जिहाद कानून पर सवाल उठाना दलित विरोधी मानसिकता का सबूत है। अब दलित मायावती की राजनीति को समझ चुका है। वह विधानसभा चुनाव में मायावती को इसका भरपूर जवाब देगा।

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