मुख्यमंत्री ने ग्रेटर नोएडा में डेटा सेण्टर पार्क का शिलान्यास किया
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को यहां अपने सरकारी आवास से वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ग्रेटर नोएडा में मेसर्स हीरानंदानी समूह द्वारा स्थापित किए जाने वाले डेटा सेण्टर पार्क का शिलान्यास किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि पिछले 02 वर्षों से प्रदेश में डेटा सेण्टर्स की स्थापना के लिए प्रयास किए जा रहे थे। इनकी स्थापना के लिए एक नीति की आवश्यकता महसूस की गई, जो अभी तैयार की जा रही है और 31 दिसम्बर, 2020 तक लागू कर दी जाएगी। इस नीति के प्रख्यापन से पूर्व ही राज्य सरकार को डेटा सेण्टर स्थापना के कई प्रस्ताव मिले हैं, जिन पर सक्रियता से कार्य किया जा रहा है। राज्य सरकार की यह नीति है कि मेगा प्रोजेक्ट स्थापना के लिए मिलने वाले प्रस्तावों पर भूमि का आवंटन 15 दिन के अंदर कर दिया जाए। राज्य सरकार की मेगा परियोजनाओं हेतु भूमि आवंटन योजना के अंतर्गत ही हीरानंदानी समूह को 15 दिनों में 20 एकड़ भूमि उपलब्ध करायी गयी है।
हीरानंदानी समूह द्वारा स्थापित किए जा रहे 250 मेगावाॅट क्षमता वाले इस डेटा सेण्टर पार्क में कुल 06 हजार करोड़ रुपए का निवेश प्रस्तावित है। यह सेण्टर 20 एकड़ भूमि पर स्थापित किया जाएगा। प्रथम चरण में 01 हजार करोड़ रुपए के निवेश से डेटा सेण्टर पार्क की स्थापना की जा रही है, जिसमें 40 मेगावाॅट की क्षमता वाली प्रथम इकाई जून, 2022 तक आरम्भ करने का लक्ष्य है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की नीति उद्योगों को बढ़ावा देते हुए उनकी समस्याओं के त्वरित निदान की है। प्रदेश में निवेश के लिए उत्कृष्ट वातावरण तैयार किया गया है। राज्य सरकार के प्रयासों के चलते आज उत्तर प्रदेश ईज़ आॅफ डुइंग बिज़नेस में देश में दूसरे स्थान पर है। ऐसा इसलिए सम्भव हुआ कि राज्य सरकार ने वर्ष 2019 के ‘बिज़नेस रिफाॅर्म एक्शन प्लान’ के तहत भारत सरकार के उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग द्वारा निर्धारित 187 सुधारों में से 186 सुधारों को लागू किया है। आज उत्तर प्रदेश निवेशकों एवं कारोबारियों के लिए एक आकर्षक डेस्टिनेशन के रूप में उभरा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार निवेशकों के साथ है और उनकी सभी समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए तत्पर है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह डेटा सेण्टर पार्क शीघ्र बनकर तैयार होगा और अपना काम शुरू कर देगा। उन्होंने कहा कि इस डेटा सेण्टर की स्थापना से आने वाले समय में अन्य डेटा सेण्टर भी स्थापित हो सकेंगे। इन डेटा सेण्टर्स की स्थापना से बड़े पैमाने पर रोजगार सृजित होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में अपार सम्भावनाएं मौजूद हैं। यहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान तथा देश को 05 ट्रिलियन यू0एस0 डाॅलर की अर्थव्यवस्था बनाने के संकल्प को सफल बनाने की क्षमता है। प्रदेश में निवेश के अनुकूल बनते हुए वातावरण के दृष्टिगत सूचना प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्राॅनिक्स, डेटा सेण्टर से सम्बन्धित उद्योगों की स्थापना के लिए निवेशक अब इसकी ओर आकर्षित हो रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में डेटा सेण्टर की स्थापना के लिए उत्तर प्रदेश डेटा सेण्टर नीति बनाए जाने का निर्णय लिया गया है। नीति के तहत 03 डेटा सेण्टर्स पार्क स्थापित किए जाने का लक्ष्य है। डेटा सेण्टर्स की स्थापना से इनके आसपास बड़ी संख्या में सूचना प्रौद्योगिकी तथा इससे समर्थित इकाइयों की स्थापना होती है, जिससे बड़ी संख्या में रोजगार की सम्भावनाएं होती हैं।
कार्यक्रम को उप मुख्यमंत्री डाॅ0 दिनेश शर्मा, औद्योगिक विकास मंत्री श्री सतीश महाना, हीरानंदानी समूह के संस्थापक एवं अध्यक्ष डाॅ0 निरंजन हीरानंदानी, हीरानंदानी समूह के सी0ई0ओ0 श्री दर्शन हीरानंदानी ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर इलेक्ट्राॅनिक्स, सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री श्री अजीत सिंह पाल, मुख्य सचिव श्री आर0के0 तिवारी, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त श्री आलोक टण्डन, अपर मुख्य सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास श्री आलोक कुमार, अपर मुख्य सचिव एम0एस0एम0ई0 तथा सूचना श्री नवनीत सहगल, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना श्री संजय प्रसाद सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।