वाराणसी। धर्म नगरी काशी में कार्तिक पूर्णिमा पर सोमवार को रोहिणी नक्षत्र एवं सर्वार्थ सिद्धि योग में श्रद्धालु पवित्र गंगा में डुबकी लगायेंगे। अलसुबह से ही श्रद्धालु गंगा तट पर पहुंच कर स्नान दान के बाद विभिन्न मंदिरों में दर्शन पूजन करेंगे। स्नान पर्व को लेकर गंगा घाटों पर तीर्थ पुरोहित तैयारियों में जुटे रहे। ज्योतिषविद मनोज पाठक ने बताया कि पूर्णिमा रविवार अपरान्ह 2.26 बजे से ही लग गया है। उदया तिथि में पर्व का मान होने के कारण सोमवार अलसुबह से लोग गंगा स्नान करेंगे। उन्होंने बताया कि कार्तिक मास के देवता भगवान विष्णु हैं। इस मास भर श्रद्धावान लोग सुबह गंगा स्नान कर भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। उन्होंने बताया कि कार्तिक पूर्णिमा पर भरणी अथवा रोहिणी नक्षत्र का संयोग हो जाये तो वह विशेष फलदायी कहा गया है। पुराण में वर्णित है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन श्री हरि ने धर्म और वेदों की रक्षा के लिए मत्स्य का अवतार लिया था। पुराणों में भी कार्तिक मास की पूर्णिमा का महत्व बताया गया है। इस दिन दान और स्नान का विशेष महत्व माना जाता है। इस दिन कुछ कार्य अवश्य करने चाहिए, इससे पुण्य फल की प्राप्ति होती है। कार्तिक पूर्णिमा पर दूध, चावल और शक्कर आदि का दान करना चाहिए। थोड़ी मात्रा में इन चीजों के जल में भी प्रवाहित करना चाहिए।