भाजपा दिल्ली के तीनों नगर निगमों पर कब्जा बरकरार रखने के लिए संगठन को मजबूती देने में लगी हुई है। अगले माह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी दिल्ली के नेताओं के साथ मंथन करेंगे। दो दिनों के प्रवास में वह यहां के सियासी माहौल की जानकारी हासिल करेंगे और निगम चुनाव की तैयारी के लिए रणनीति बनाएंगे। नेताओं की जिम्मेदारी भी तय की जाएगी, ताकि चुनावी तैयारी में किसी तरह की कोताही न हो। विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद भाजपा के लिए तीनों नगर निगमों में कब्जा बरकरार रखने की चुनौती है। इसे ध्यान में रखकर पार्टी ने तैयारी शुरू कर दी है। संगठनात्मक फेरबदल के साथ ही निगम के कामकाज की भी समीक्षा की जा रही है ताकि उसमें सुधार किया जा सके। मंडल से लेकर प्रदेश तक नए चेहरों को आगे लाया जा रहा है।
बता दें कि पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं के लिए मंडल स्तर पर प्रशिक्षण शिविर लगाए जा रहे हैं। शिविर में शामिल होकर वरिष्ठ नेता उन्हें पार्टी की नीतियों के साथ ही निगम चुनाव को तैयारी को लेकर प्रशिक्षित कर रहे हैं। इस तैयारी को धार देने के लिए नड्डा 23 व 24 दिसंबर को दिल्ली के नेताओं व कार्यकर्ताओं के बीच रहेंगे।
भाजपा नेताओं का कहना है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष इस दौरान प्रदेश पदाधिकारियों के साथ ही सांसदों व विधायकों के साथ अलग-अलग बैठक करेंगे। उनसे संगठन को मजबूती देने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी हासिल करेंगे। साथ ही बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं के साथ भी संवाद करेंगे। सभी से चर्चा करने के बाद अगले एक साल के लिए कार्यक्रम तैयार किए जाएंगे।
राष्ट्रीय अध्यक्ष के प्रवास के पहले संगठनात्मक नियुक्तियों की प्रक्रिया पूरी करने की कोशिश हो रही है। लगभग सभी जिलों और अधिकतर मंडलों की टीमें घोषित हो गई हैं। प्रदेश पदाधिकारियों व सभी मोर्चों के अध्यक्ष घोषित हो गए हैं। अब मोर्चों के अन्य पदाधिकारियों की सूची तैयार की जा रही है।प्रदेश भाजपा मीडिया प्रभारी नवीन कुमार ने कहा कि भाजपा को नगर निगम में चौथी बार जीत मिलेगी, जिसकी तैयारी शुरू कर दी गई है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष के प्रवास से संगठन को मजबूती मिलेगी और कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ेगा। कोरोना संकट के दौरान कार्यकर्ता दिल्लीवासियों को हरसंभव मदद कर रहे हैं। लॉकडाउन और उसके बाद भी जरूरतमंदों को राशन व अन्य जरूरी सामान वितरित किए गए। मास्क वितरण अभियान चल रहा है। इन कामों को जनता के बीच ले जाने के साथ ही दिल्ली सरकार की नाकामियों को भी उजागर किया जाएगा।