राहत के बावजूद दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता स्तर बहुत खराब श्रेणी में बना हुआ है। शुक्रवार सुबह भी दिल्ली-एनसीआर के ज्यादातर इलाकों में वायु गुणवत्ता स्तर 200-300 के बीच बना हुआ है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता निगरानी प्रणाली (System of Air Quality and Weather Forecasting And Research, Govt of India) के मुताबिक, दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर स्वास्थ्य के लिहाज से अच्छा नही ंहै। खासतौर से बुजुर्गों और बच्चों के लिए प्रदूषण का स्तर ठीक नहीं है।
वहीं, इससे पहले बादल छंटने, हवा की रफ्तार बढ़ने और पराली का धुआं घटने से बृहस्पतिवार को वायु प्रदूषण के स्तर में खासा सुधार देखने को मिला। एक दिन पहले ही गंभीर श्रेणी में पहुंचा एयर इंडेक्स नीचे गिरकर सीधे बहुत खराब श्रेणी के भी निचले पायदान पर पहुंच गया। ग्रेटर नोएडा और गुरुग्राम में तो खराब श्रेणी में ही दर्ज हुआ। दिल्ली के प्रदूषण में पराली के धुएं की हिस्सेदारी भी सिर्फ एक फीसद रही।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा जारी एयर बुलेटिन के अनुसार बृहस्पतिवार को दिल्ली का एयर इंडेक्स 302 दर्ज किया गया। बुधवार के एयर इंडेक्स 413 के मुकाबले 111 अंकों का सुधार हुआ। एनसीआर के शहरों में फरीदाबाद का एयर इंडेक्स 312, गाजियाबाद और नोएडा का 301, ग्रेटर नोएडा का 296 एवं गुरुग्राम 289 दर्ज किया गया। शाम सात बजे राजधानी में पीएम 2.5 का स्तर 150 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर जबकि पीएम 10 का स्तर 251 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर दर्ज हुआ। बृहस्पतिवार को पंजाब-हरियाणा में पराली जलने की 37 घटनाएं दर्ज हुईं।
सफर इंडिया का अनुमान है कि हवा की रफ्तार ठीक रहने से अगले दो दिन प्रदूषण नियंत्रण में ही रहेगा। इस दौैरान हवा की रफ्तार 12 कि.मी. प्रति घंटे तक रह सकती है। इससे शुक्रवार और शनिवार दोनों ही दिन वायु प्रदूषण या तो बहुत खराब श्रेणी के निचले पायदान पर रहेगा या फिर और भी नीचे गिरकर खराब श्रेणी में पहुंच सकता है।