पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री इमरान खान ने पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू का खुलकर बचाव किया है. उन्होंने सिद्धू को शांति का दूत बताते हुए उनकी आलोचना करने वालों पर निशाना साधा है. बता दें कि इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में शिरकत करने और पाकिस्तानी सेना प्रमुख से गले मिलने को लेकर नवजोत सिंह सिद्धू तीखी आलोचना का सामना कर रहे हैं.
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भी अपने मंत्री सिद्धू पर निशाना साध चुके हैं. सिद्धू ने पाकिस्तान जाने को लेकर सफाई भी दी है, लेकिन फिर भी बीजेपी समेत अन्य पार्टियां उन पर निशाना साध रही हैं. इस दौरे को लेकर पार्टी के अंदर भी उनकी आलोचना हो रही है. इस बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने सिद्धू को शांतिदूत करार दिया है. उन्होंने कहा कि सिद्धू के पाकिस्तान आने पर उनकी आलोचना करने वाले शांति के पक्ष में नही हैं. उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान को कश्मीर के मुद्दे पर बातचीत करनी चाहिए. इमरान खान ने पाकिस्तान आने पर सिद्धू का शुक्रिया भी अदा किया.
नए पाकिस्तानी प्रधानमंत्री खान ने कहा कि सिद्धू शांति के दूत हैं. उनको पाकिस्तान की जनता से अद्भुद प्यार और स्नेह मिला. सिद्धू की आलोचना करने वाले शांति के पक्ष मे नहीं हैं. शांति के बिना हमारे अपने लोग आगे नहीं बढ़ सकते हैं. इमरान खान ने कहा कि भारत और पाकिस्तान को वार्ता के लिए आना चाहिए और कश्मीर समेत सभी विवादित मुद्दों को सुलझाना चाहिए. इस क्षेत्र में गरीबी उन्मूलन और उन्नति का सबसे अच्छा रास्ता बातचीत के जरिए मतभेदों को हल करना और व्यापार शुरू करना है.
वहीं, सिद्धू ने पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा से गले मिलने पर कहा, ‘बाजवा ने मुझे कहा था कि हम शांति चाहते हैं, जिसके बाद मैं भावुक हो गया इसलिए गले लगा, लेकिन जिस तरह मेरी यात्रा की आलोचना की गई उससे मैं दुखी हूं.’ सिद्धू ने कहा कि इससे पहले भी शांति को लेकर कई तरह के प्रयास किए गए थे. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी भी दोस्ती बस लेकर लाहौर गए थे. उन्होंने मुशर्रफ को भारत बुलाया था. इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवाज शरीफ को अपने शपथ ग्रहण समारोह में बुलाया था. PM मोदी तो अचानक लाहौर भी चले गए थे.
To move forward Pakistan and India must dialogue and resolve their conflicts incl Kashmir: The best way to alleviate poverty and uplift the people of the subcontinent is to resolve our differences through dialogue and start trading https://t.co/V2UkXp0WwS
— Imran Khan (@ImranKhanPTI) August 21, 2018
सिद्धू ने कहा, ‘मेरी यात्रा किसी भी तरह से राजनीतिक नहीं थी. इसलिए इस प्रकार की आलोचना करना गलत है. मुझे 10 बार न्योता मिला था, जिसके बाद मैंने भारत सरकार से परमिशन ली थी. पहले मुझे इजाजत नहीं दी गई थी, मैं इंतजार कर रहा था. दो दिन बाद जब मुझे पाकिस्तानी सरकार ने वीज़ा दिया तो सुषमा स्वराज जी ने मुझे खुद फोन कर सूचना दी कि मुझे परमिशन दे दी गई है.’ उधर, नवजोत सिंह सिद्धू की सफाई के बाद भारतीय जनता पार्टी ने उन पर फिर हमला बोला है. बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि सिद्धू कह रहे थे कि वह बतौर क्रिकेटर पाकिस्तान गए हैं, लेकिन आज उनका बयान पूरा राजनीतिक है.
उन्होंने कहा कि पंजाब के सीएम ने भी बाजवा से गले मिलने का विरोध किया था, तो फिर किसने सिद्धू को पार्टी में इस बात के लिए सपोर्ट किया है. राहुल गांधी को इस बात का जवाब देना चाहिए. पात्रा ने कहा कि सिद्धू अपनी करनी की बराबरी वाजपेयी की यात्रा से कर रहे हैं, उन्हें ये याद रखना चाहिए कि वह प्रधानमंत्री नहीं हैं, सिर्फ एक राज्य में मंत्री हैं. सिद्धू कह रहे हैं कि पाकिस्तान दोस्ती चाहता है लेकिन सच ये है कि वह सिर्फ आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है.
उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि कांग्रेस भारत में पाकिस्तान डेस्क बना रही है, राहुल गांधी को जरूर जवाब देना चाहिए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपने देश के सेना प्रमुख को सड़क का गुंडा कहती है. उन्होंने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू प्रेस कांफ्रेंस करके कहते है कि दो दिनों में पाकिस्तान ने मुझे वो दे दिया जो मुझे पूरी उम्र नहीं मिला हिन्दुस्तान में, हम राहुल गांधी से पूछना चाहते है कि आपके नेताओं को पाकिस्तान जाकर ऐसा क्या मिल जाता है? BJP ने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी और उसके नेता लगातार पाकिस्तान को ऑक्सीजन देने का काम कर रहें है. नवजोत सिंह सिद्धू ने जिस प्रकार अपनी प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से भारत को कटघरे में खड़ा करने का जो काम किया है उसके लिए राहुल गांधी देश को जवाब दें.