लखनऊ। रक्षामंत्री व लखनऊ के सांसद राजनाथ सिंह ने लखनऊ विश्वविद्यालय की स्थापना के सौ साल पूरे होना जहां हम सभी के लिए प्रसन्नता का विषय है, वहीं यह भारतीय शिक्षा जगत की एक ऐतिहासिक घटना भी है। यह ऐतिहासिक घटना इसलिए है, क्योंकि भारत के कुछ ही विश्वविद्यालय ऐसे हैं जिन्होंने अब तक अपना शताब्दी वर्ष मनाया है। रक्षामंत्री लखनऊ विश्वविद्यालय के शताब्दी वर्ष स्थापना दिवस समारोह को बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि लखनऊ विश्वविद्यालय भारत के सर्वाधिक पुराने शिक्षण संस्थाओं में से एक है और यह संस्था 1862-63 के करीब कैनिंग कॉलेज के रूप में प्रारंभ हुई और 1920 में यह विश्वविद्यालय के रूप में परिवर्तित हुई। यह संयोग ही है कि भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के बाद यह कॉलेज के रूप में स्थापित हुआ उसके बाद जब भारत के राजनीतिक स्वतंत्रता आंदोलन की शुरुआत हुई, जो कि 1920 के असहयोग आंदोलन से जुड़ जोड़कर देखा जाता है, उस समय में इसे विश्वविद्यालय का स्वरूप मिला।
राजनाथ सिंह ने कहा कि इस तरह भारतीय राष्ट्र की चेतना के साथ विश्वविद्यालय के विकास क्रम का यह अद्भुत संयोग दिखा। उन्होंने कहा कि जब कोई संस्था 100 साल पूरे करती है, तो यह संस्थान की मजबूती और प्रतिष्ठा से तो जुड़ता ही है साथ ही संस्थान की गौरवशाली परंपरा को भी एक नया स्वरूप प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि लखनऊ विश्वविद्यालय के सौ वर्षों का इतिहास अगर हम पलट कर देखें तो पाएंगे कि एक से एक महान शख्सियत एस विश्वविद्यालय परिसर में पली, बढ़ी हैं। उन्होंने कहा कि डॉ. बीरबल साहनी से लेकर भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. शंकर दयाल शर्मा तक ना जाने कितने महान शख्सियत से जुड़ी यादों को यह विश्वविद्यालय अपने में समेटे हुआ है।