प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मंगलवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए की गई बैठक के दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में कोविड-19 के ताजा हालात और इससे निपटने के लिए किए जा रहे उपायों की विस्तार से उन्हें जानकारी दी।
सीएम केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में अभी कोविड के समान्य बेड पर्याप्त संख्या में उपलब्ध हैं, लेकिन आइसीयू बेड की कमी महसूस हो रही है। उन्होंने पीएम से दिल्ली में स्थित केंद्र सरकार के अस्पतालों में 1000 आइसीयू बेड दिल्ली के मरीजों के लिए सुरक्षित करने की अपील की। सीएम ने कहा कि दिल्ली में कोरोना की तीसरी लहर 8600 पाॅजिटिव केस के साथ 10 नवंबर को अपने शिखर पर थी। कोरोना की तीसरी लहर को अधिक खतरनाक बनाने में पड़ोसी राज्यों में जलाई जा रही पराली के प्रदूषण का विशेष योगदान रहा है। हम चाहते है कि आपके (पीएम) नेतृत्व में दिल्ली के पड़ोसी मुख्यमंत्री पराली को खत्म करने के लिए एक टीम की तरह काम करें।
देश भर में बढ़ते कोरोना के संक्रमण के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए दिल्ली सहित आठ राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत की। सीएम केजरीवाल ने प्रधानमंत्री को बताया कि दिल्ली के सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में कोविड के लिए आरक्षित कुल बेड में से 9400 बेड भरे हुए हैं, जबकि अभी 8500 बेड खाली हैं। अभी कोरोना के सामान्य बेड को लेकर हमारे लिए चिंता का विषय नहीं है। दिल्ली में कुल आइसीयू बेड में से करीब 3500 बेड भरे हुए हैं और अभी 724 बेड खाली हैं।
सीएम ने कहा कि आइसीयू बेड बढ़ाने में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह मदद कर रहे हैं, लेकिन अगर केंद्र सरकार के सफदरजंग और एम्स जैसे अस्पतालों में कुछ दिनों के लिए 1000 बेड दिल्ली वासियों के लिए सुरक्षित कर दिए जाएं तो यह दिल्ली के लोगों के लिए मददगार साबित होगा। केजरीवाल ने कहा कि पूरी महामारी के दौरान हमें और दिल्ली के लोगों को केंद्र सरकार से जो मदद मिली है, उसके लिए हम सभी शुक्रगुजार हैं।
सीएम ने पीएम को बताया कि दिल्ली में कोरोना की पहली लहर जून के महीने में आई थी, उस दौरान दिल्ली में 20 हजार सैंपलों की जांच प्रतिदिन की गई थी। दिल्ली सरकार ने सितंबर में जांच का दायरा बढ़ाते हुए जांच 60 हजार प्रतिदिन कर दी थी। दिल्ली में अभी कोरोना की तीसरी लहर चल रही है। अब दिल्ली में संक्रमण दर लगातार कम हो रही है, लेकिन बढ़ती मृत्युदर चिंता का विषय है और हमें मृत्युदर को कम करना होगा। हमें उम्मीद है कि आने वाले दिनों में संक्रमण दर के साथ मृत्युदर भी लगातार कम होती जाएगी।
सीएम ने कहा कि दिल्ली में कोरोना की तीसरी लहर को अधिक खतरनाक बनाने में कई कारक सहायक हुए, जिसमें पिछले दिनों बढ़े प्रदूषण का प्रमुख योगदान रहा। उन्होंने बताया कि अभी हाल ही में पूसा इंस्टीट्यूट की मदद से पराली का समाधान निकाला है। पूसा इंस्टीट्यूट द्वारा विकसित बाॅयो डीकंपोजर तकनीक का दिल्ली सरकार ने अपने किसानों के खेतों में प्रयोग भी किया है और इसकी मदद से पराली का डंठल गल कर खाद में बदल जा रहा है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से पड़ोसी राज्यों में भी बाॅयो डीकंपोजर तकनीक की मदद से पराली का समाधान करने के लिए हस्तक्षेप की मांग की।