कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण शहर में शादी समारोह, सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में 250-300 से अधिक लोगों की भीड़ नहीं हो सकेगी। इस कारण आयोजक इससे अधिक लोगों और मेहमानों को आमंत्रित न करें तो ठीक रहेगा। शवयात्रा में भी सीमित लोग ही शामिल हो सकेंगे। सभी लोगों को मास्क पहनना अनिवार्य किया गया है। जिला आपदा प्रबंधन समूह ने शनिवार को यह तय किया। समूह की ओर से यह प्रस्ताव राज्य शासन को भेजा जाएगा। शासन से मंजूरी मिलने के बाद इन नियमों को सख्ती से लागू किया जाएगा।
शनिवार रात करीब नौ बजे रेसीडेंसी कोठी पर समूह की बैठक हुई। इसमें सांसद शंकर लालवानी, कलेक्टर मनीषष सिंह, डीआइजी हरिनारायणाचारी मिश्र, नगर निगम आयुक्त प्रतिभा पाल, विधायक रमेश मेंदोला, महेंद्र हार्डिया, मालिनी गौड़, आकाश विजयवर्गीय, भाजपा नेता मधु वर्मा, पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता, भाजपा नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे आदि मौजूद थे। बैठक में चर्चा हुई कि रात में 10 बजे तक बाजार बंद करने का नियम शासन की ओर से ही आने के कारण इसका पालन करना होगा। रात 10 बजे बाद कफ्र्यू लगने के कारण दुकानदारों को रात 8 बजे तक ही दुकानें बंद करना होंगी, ताकि वे समय पर घर पहुंच सकें।
हलवाई, बैंड वाले को देर रात आने-जाने की रहेगी अनुमति
शादियों में हलवाई और बैंड-बाजे वालों, टेंट वालों आदि का काम देर रात तक चलता रहता है। आपदा प्रबंधन समूह ने इनकी व्यावहारिक परेशानियों को देखते हुए तय किया कि इन लोगों को कफ्र्यू के बावजूद रात 10 बजे बाद भी आने-जाने की अनुमति रहेगी। आयोजनों में कम से कम भीड़ रखने की अपील की गई है। आयोजनों में शामिल होने वाले सभी लोगों को मास्क पहनना अनिवार्य किया गया है।