क्या कोई ‘खेल’ चल रहा है UP विधानसभा व मुख्यमंत्री सचिवालय में!

लखनऊ : यूं तो यूपी में खेलों को बढ़ावा देने के लिए अलग से खेल विभाग है लेकिन लगता है कि खेल विभाग से बड़े ‘खिलाड़ी’ तो विधानसभा और मुख्यमंत्री सचिवालय में बैठे हैं। अब यहां प्रतियोगिता सिर्फ इस बात की है कौन सबसे बड़ा खिलाड़ी है- सचिवालय कैडर के अधिकारी या फिर प्रशासनिक सेवा के। दरअसल, विधानसभा समीक्षा अधिकारी, सहायक समीक्षा अधिकारी परीक्षा कल 22 नवम्बर को प्रस्तावित है। जो अभ्यर्थी उक्त परीक्षा के सभी पदों हेतु अहर्ता धारित करते थे वह सभी पदों हेतु आवेदन किये थे। बस, खेल यहीं से दिखने लगता है जिम्मेदारों ने एक आवेदक को एक ही दिन प्रयागराज और लखनऊ दोनों स्थान पर परीक्षा देने हेतु अलग-अलग एडमिट कार्ड जारी किए हैं, यानि कोई अभ्यर्थी समीक्षा अधिकारी, सहायक समीक्षा अधिकारी दोनों पदों की परीक्षा देने हेतु अहर्ता धारित करता है तो उसे 22 नवम्बर को एक ही समय लखनऊ और प्रयागराज में परीक्षा देनी होगी। अब यक्ष प्रश्न यह है कि यह संभव कैसे होगा! इसे यदि बेरोजगार युवाओं के साथ ये भद्दा मजाक न कहा जाये तो फिर क्या कहा जाये। जिम्मेदारों के ‘खेल’ की यह पहली बानगी है।

अब इसकी दूसरी बानगी देखिये-अपर निजी सचिव उत्तर प्रदेश सचिवालय भर्ती 2010 से चयनित अभ्यर्थियों का विधि विरुद्ध स्थायीकरण किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि सचिवालय प्रशासन विभाग ने 30 जून 2020 को उच्चतम न्यायालय में अमेंडेड काउंटर एफिडेविट दाखिल करके स्वीकार किया है कि जिस परीक्षा पाठ्यक्रम के आधार पर चयन प्रक्रिया संपादित की गई है वह उत्तर प्रदेश सचिवालय व्यक्तिक सहायक सेवा नियमावली 2001 प्रख्यापित होने के उपरांत निरस्त हो चुकी है और रिक्रूटमेंट प्रोसेस को रेगुलेट नहीं करती है। इससे पूर्व सीबीआई ने भी उत्तर प्रदेश सरकार को पत्र लिखकर इस भर्ती में अनियमित चयन होने की पुष्टि की है जिसके बाद सरकार द्वारा सीबीआई जांच के आदेश निर्गत किए गए हैं और कार्यभार ग्रहण करने से अवशेष चयनितों की ज्वाइनिंग को स्थगित किया गया है।

चयनित अभ्यर्थियों की ज्वाइनिंग उच्चतम न्यायालय में लंबित एसएलपी में अंतिम निर्णय होने तथा जांच पूरी होने तक कंडीशनल की गई है। ऐसी दशा में एसएलपी और सीबीआई जांच दोनों लंबित होने तथा सचिवालय प्रशासन विभाग द्वारा माननीय उच्चतम न्यायालय में अमेंडेड काउंटर एफिडेविट के माध्यम से एवं सीबीआई द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार को पत्र लिखकर चयन प्रक्रिया में अनियमितता स्वीकार करने के बावजूद चयनित अभ्यर्थियों के स्थायीकरण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा रहा है जो अत्यंत गंभीर है। इस अनियमितता में सचिवालय प्रशासन विभाग, कार्मिक विभाग एवं न्याय विभाग के कतिपय अधिकारियों सहित इस भर्ती में अनियमित रूप से चयनित और उत्तर प्रदेश सचिवालय में पदस्थ अपर निजी सचिव के संलिप्त हैं। ऐसे में जांच करा कर दोषियों को सजा दिलाने की जगह ‘लड्डू’ बांटे जा रहे हैं। यह क्रिया कोई ‘प्रशिक्षित खिलाड़ी’ ही अंजाम दे सकता है।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com