अमेरिकी चुनाव में जीत हासिल करने वाले जो बाइडन ने घोषणा की है कि 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद वह अमेरिका को फिर से विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) में शामिल करेंगे। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण से लड़ने के लिए अमेरिका डब्ल्यूएचओ का साथ देने के लिए तैयार है।
बाइडन ने कहा कि हम ये जरूर सुनिश्चित करेंगे कि चीन अपनी हद में रहे। उसे अब मनमानी नहीं करने दी जाएगी। यदि जरूरत पड़ी तो हम उसके खिलाफ सख्त कदम उठाएंगे। हम चीन को सजा नहीं देना चाहते बल्कि उसे यह समझाना चाहते हैं कि उसे भी दूसरे देशों की तरह नियमों को मानना होगा। वरना नतीजे बुरे हो सकते हैं।
इससे पहले बाइडन पेरिस समझौते में फिर शामिल होने का एलान कर चुके हैं। उन्होंने डेलावेयर में गवर्नरों के साथ एक बैठक के दौरान कहा कि फिलहाल महामारी से लड़ाई में डब्ल्यूएचओ का साथ देना जरूरी है। संगठन में सुधार की जरूरत है और हम ऐसा अंदर रहकर ही कर सकते हैं।
चुनाव प्रचार के दौरान भी बाइडन ने चीन को लेकर कड़ी बयानबाजी की थी। उन्होंने कहा था कि कोरोना वायरस को लेकर और कई तरह की टैक्स-टैरिफ वृद्धि शामिल होने की बात कही जा रही थी। बता दें कि इसी साल राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नाराज होकर डब्ल्यूएचओ से अमेरिका को अलग कर लिया था और फंडिंग भी बंद कर दी थी। ट्रंप ने डब्ल्यूएचओ पर चीन का पक्ष लेने का आरोप लगाया था।
27 साल बाद डेमोक्रेटिक पार्टी का जॉर्जिया पर कब्जा हुआ है। बाइडन 1992 के बाद इस महत्वपूर्ण राज्य में जीत हासिल करने वाले पहले डेमोक्रेट बन गए हैं। इससे पहले 1992 में बिल क्लिंटन को जॉर्जिया से जीत हासिल हुई थी। अधिकारियों ने कहा कि ऑडिट से इस बात की पुष्टि होती है कि तीन नवंबर को हुए चुनाव में किसी भी तरह की धोखाधड़ी या अनियमितता नहीं हुई है।
जो बाइडन ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप चुनाव में हार न मानकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय को बहुत गलत संदेश दे रहे हैं। विलमिंगटन में हुई एक बैठक में बाइडन ने कहा कि लोकतंत्र कैसे काम करता है इसको लेकर दुनिया के बाकी हिस्सों में बहुत खराब संदेश जा रहा है। मुझे नहीं पता उनका मकसद क्या है, लेकिन यह बेहद गैर-जिम्मेदाराना है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति जो कर रहे हैं वह एक और घटना है जिसके कारण वे इतिहास में सबसे गैर-जिम्मेदार राष्ट्रपतियों में से एक के तौर पर पहचाने जाएंगे। बाइडन ने कहा कि मुझे विश्वास है कि ट्रंप को पता है कि वह नहीं जीते हैं और न ही जीत हासिल करने वाले हैं। हम 20 जनवरी को हर हाल में सत्ता संभालेंगे।