पोप फ्रांसिस ने दुनियाभर के कैथोलिकों को पत्र जारी करके पादरियों से जुड़े यौन उत्पीड़न मामलों और उन्हें छिपाने की निंदा करते हुए जवाबदेही की मांग की. पोप ने अमेरिका में कैथोलिक चर्च द्वारा दशकों के कदाचार के नए खुलासों के बीच यह पत्र जारी किया है. फ्रांसिस ने पीड़ितों को हुए दर्द के लिए माफी मांगी और कहा कि कैथोलिक उत्पीड़न और इसे छिपाने के प्रयासों को खत्म करने के किसी भी प्रयास में शामिल हों.
उन्होंने उत्पीड़न संकट के लिए जिम्मेदार मानी जाने वाली खुद से जुड़ी पादरी संस्कृति की निंदा की. उन्होंने कहा कि चर्च के नेता बच्चों की सुरक्षा से ज्यादा अपनी प्रतिष्ठा को लेकर ज्यादा चिंतित हैं. फ्रांसिस ने कहा, ‘‘हमने बच्चों की देखभाल नहीं की. हमने उन्हें लावारिस छोड़ दिया.’’
उनके पत्र ने अमेरिकी राज्य पेंसिल्वेनिया में हाल ही में ग्रैंड जूरी की रिपोर्ट का भी जवाब दिया. उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में अधिकतर मामले “अतीत से संबंधित हैं,” यह स्पष्ट था कि दुर्व्यवहार ‘लंबे समय से अनदेखा किया गया था, चुप अथवा खामोश रखा गया था.’ वेटिकन के एक अधिकारी ने कहा कि यह पहला मौका है जब पोप ने यौन शोषण के मामले में 1.2 अरब कैथोलिकों को पत्र लिखा है. यौन दुर्व्यवहार पर पिछले पत्र अलग-अलग देशों में बिशपों को संबोधित करके लिखे गए थे. बता दें कि पिछले सप्ताह ग्रैंड जूरी ने अमेरिका के कैथोलिक चर्च में यौन दुर्व्यवहार की सबसे बड़ी जांच के निष्कर्षों को जारी किया था. इस जांच में पाया गया था कि पिछले 70 साल में 301 पादरियों ने नाबालिक लड़कियों का यौन शोषण किया.
यह पत्र संयुक्त राज्य अमेरिका, चिली एवं ऑस्ट्रेलिया समेत कई देशों में चर्च पर यौन दुर्व्यवहार के आरोपों के बाद जारी किया गया है.