भारत और चीन के बीच बीच 6 महीनों से तनाव जारी है। वास्तविक नियंत्रण रेखा(एलएसी) की पूर्वी लद्दाख सीमा के पास दोनों देश की सेनाओं के बीच गतिरोध अभी भी जारी है। इसको लेकर कई सैन्य वार्ताएं हो चुकी हैं लेकिन नतीजा सिफर ही रहा है। इस बीच, अमेरिका, चीन के खिलाफ लगातार हमलावर है और भारत के समर्थन में बयान दे रहा है। ऐसे ही मौके के बीच अमेरिका में एक सनसनीखेज रिपोर्ट सामने आई है।
इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन आगे बढ़ते भारत को अपना प्रतिद्वंद्वी मानता है और वह अमेरिका और अन्य सहयोगी देशों के साथ उसके संबंधों को खराब करने की नापाक कोशिशों में जुटा हुआ है। 3 नवंबर के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के बाद डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन से जो बाइडन के प्रशासन से सत्ता परिवर्तन से पहले जारी एक विस्तृत नीति दस्तावेज में कहा गया है कि चीन इस क्षेत्र के कई देशों की सुरक्षा, स्वायत्तता और आर्थिक हितों को कम कर रहा है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन बढ़ते भारत को एक प्रतिद्वंद्वी मानता है और वह भारत की अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया के साथ रणनीतिक साझेदारी में बाधा डालने की अपनी महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने की कोशिश कर रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन इस क्षेत्र में कई अन्य लोगों की सुरक्षा, स्वायत्तता और आर्थिक हितों को कम कर रहा है- जैसे कि दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संगठन (आसियान) के सदस्य राज्य, जिनमें महत्वपूर्ण मेकांग क्षेत्र, साथ ही प्रशांत द्वीप समूह के राष्ट्र शामिल हैं।
70 पन्नों की रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका और दुनियाभर के देशों में जागरूकता बढ़ रही है। सत्तारूढ़ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) ने नए युग की महान प्रतियोगिता शुरू कर दी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया के हर क्षेत्र में चीन के इनरॉड्स के पैटर्न में अभी भी कुछ कमी है, जिस पर उसकी ख्वाहिश हावी है।