अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए हुए चुनाव के नतीजे आने के बाद भी डोनाल्ड ट्रंप अपनी हार मानने को तैयार नहीं है। उन्हें उम्मीद है कि अगर फिर से वोटों की गिनती की जाए वह आसानी से जीत सकते हैं और बाइडन को व्हाइट हाउस से बाहर कर सकते हैं, लेकिन शायद ही कभी अमेरिका के इतिहास में ऐसा हुआ होगा कि वोटों की दोबारा गिनती करने के बाद यूएस इलेक्शन का परिणाम बदला हो। क्योंकि इससे पहले सामान्य तौर पर वोटों कि गिनती करने पर केवल कुछ राज्य और स्थानीय चुनाव का परिणाम बदला है। यह बदलाव भी सिर्फ पिछले 2 दशकों में हुआ था लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव परिणाम पर इसका असर नहीं दिखा था। तो आइए हम जानने का प्रयास करेंगे कि वोटों की फिर से गिनती क्या है और क्या डोनाल्ड ट्रंप को वोटों कि फिर से गिनती कराने का मौका मिल सकता है? और क्या इससे चुनावी परिणाम में कुछ बदलाव हो सकता है?
वोटों कि दोबारा गिनती क्या है
अमेरिकी में हुए राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव परिणाम को ट्रंप शुरुआत से मानने से इनकार कर रहे हैं। दरअसल, अमेरिका में हुए राष्ट्रपति पद के लिए हुए चुनाव में हुए मतों की गणना की प्रक्रिया को फिर से दोहराया जाना है वोटों की फिर से काउंटिंग है। रन-ऑफ-द-मिल, विलियम एंड मैरी लॉ स्कूल के प्रोफेसर रेबेका ग्रीने ने बताया कि दोबारा से वोटों गिनती के दौरान अधिकारी फिर से वोटों कि गिनती की प्रक्रिया शुरू करेंगे। जो आमतौर पर यूएस चुनाव में सामान प्रक्रिया होती है। उन्होंने बताया कि पहले हुई काउंटिंग पहले से काफी सटीक है हालांकि अगर दोबारा काउंटिंग होती है तो थोड़ा बहुत ही फर्क आएगा। उन्होंने बताया कि नवीनतम टैली के मुताबिक, जॉर्जिया में बिडेन ट्रम्प से लगभग 12,000 वोटों से आगे रहे हैं।
क्या ट्रंप को वोटों की गिनती कराने का मिल सकता है मौका
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, यूएस के सभी राज्यों में दोबारा से वोटों की गिनती करने के अपनी सीमा होती है। ऐसे में अगर राष्ट्रपति चुनावमों में फिर से काउंटिंग कराने की जरुरत पड़ती है तो काउंटिंग फिर से जा सकती है। पेंसिल्वेनिया ऐसे राज्य में से है जहां पर बाइडन को जीत मिली है। ऐसे में अगर यहां पर फिर से वोटों गिनती कराने के लिए जीते हुए प्रत्याशी और रनर अप प्रत्याशी को मार्जन 0.5 फीसद होना जरुरी है।