पंजाब में बिजली संकट गहरा गया है। राज्य के सभी थर्मल पावर प्लांट पूरी तरह बंद हैं। थर्मल पावर प्लाटों को काफी समय से कोयले की आपूर्ति बंद है। राज्य में किसान आंदोलन के कारण मालगाडिय़ों का संचालन नहीं हो पा रहा है और इसी कारण थर्मल पावर प्लांटों को कोयले की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। इससे बिजली संकट और गहरा होने की आशंका है।
राज्य में बिजली की मांग को पूरा करने के लिए पावरकाम 80 फीसद बिजली अन्य राज्यों की बिजली कंपनियों व निगमों से ले रहा है। यह स्थिति उस वक्त है, जब पावरकाम पर कृषि क्षेत्र को छह घंटे बिजली उपलब्ध करवाने का बोझ नहीं है। कृषि क्षेत्र में चार घंटे कट लग रहे हैं। इसके बावजूद कई क्षेत्रों में बिजली के कट लगाने शुरू कर दिए हैं।
रोजाना 4836 मेगावाट बिजली की मांग, पंजाब अन्य राज्यों से ले रहा 80 फीसद बिजली
पावरकाम सेंट्रल कंट्रोल रूम के अनुसार सोमवार को राज्य में 4836 मेगावाट बिजली की मांग थी। इसकी तुलना में राज्य ने कुल 908 मेगावाट बिजली का उत्पादन खुद किया, जबकि 3928 मेगावाट बिजली अन्य राज्यों की बिजली कंपनियों से प्राप्त की है। कोयला संकट के कारण राज्य के निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के सभी पांच थर्मल पावर प्लांटों में बिजली उत्पादन पूरी तरह बंद है। पंजाब इस वक्त बिजली के लिए बीबीएमबी, राष्ट्रीय पनबिजली निगम और नेशनल थर्मल पावर कार्पोरेशन से बिजली हासिल कर रहा है।
अपनी परियोजनाओं से मिल रही 908 मेगावाट बिजली, 3928 मेगावाट अन्य राज्यों से ले रहे
बिजली संकट का सबसे अधिक असर कृषि क्षेत्र पर ही पड़ा है। पावरकाम ने कृषि क्षेत्र को दी जाने वाली छह घंटे बिजली सप्लाई में चार घंटे का कट लगाना शुरू कर दिया है। हालांकि, फिलहाल इसका कोई ज्यादा असर सब्जी उत्पादकों पर नहीं दिख रहा है, लेकिन ज्यादा दिन हालात ऐसे बने रहे तो इसका विपरीत असर पड़ेगा। इसके अलावा कंडी इलाके में भी पावरकाम ने करीब डेढ़ घंटे का बिजली कट लगाना शुरू कर दिया है।