प्रदेश में स्मॉग और वायु प्रदूषण को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने लखनऊ व वाराणसी सहित 13 जिलों में आतिशबाजी पर प्रतिबंध लगा दिया है। लखनऊ के साथ ही 13 जिलों में वायु प्रदूषण का स्तर बेहद खतरनाक है। जिन जिलों में पटाखों पर बैन किया गया है, वहां के लोग दीपावली के दिन डिजिटल, लेजर आदि तकनीकि का प्रयोग करके दिवाली मना सकते हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार ने बढ़ते एयर पोलूशन की वजह से एनजीटी के निर्देश के बाद राजधानी लखनऊ तथा पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में आतिशबाजी पर बैन लगा दिया है। इन सभी जिलों में वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक है। दीपावली पर इस बार लखनऊ तथा वाराणसी के अलावा मुजफ्फरनगर, आगरा, मेरठ, हापुड़, गाजियाबाद, कानपुर, मुरादाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, बागपत तथा बुलंदशहर में आतिशबाजी नहीं होगी।
प्रदेश के 75 जिलों में से 13 में आतिशबाजी पर प्रतिबंध रहेगा जबकि अन्य जिलों में भी सिर्फ ग्रीन क्रेकर्स को अनुमति दी गई है। प्रदेश में पटाखे बैन का आदेश फिलहाल 30 नवंबर तक जारी रहेगा। 30 नवंबर के बाद प्रदूषण के स्तर पर सरकार समारोहों में आगे समीक्षा के बाद फैसला लेगी।
मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि जिन जनपदों में एक्यूआई मॉडरेट या उससे बेहतर है वहां पर केवल ग्रीन क्रेकर्स ही बेचे जाएं। एनजीटी ने आदेश में कहा था कि देश के जिन राज्यों में एम्बिएंट एयर क्वालिटी (खराब) की श्रेणी में बनी हुई है, उन राज्यों और शहरों में भी नौ नवंबर की मध्य रात्रि से लेकर 30 नवंबर की मध्य रात्रि तक पटाखों के इस्तेमाल और बिक्री पर प्रतिबंध से जुड़ा एनजीटी का आदेश लागू होगा। जिन शहरों में एम्बिएंट एयर क्वालिटी मॉडरेट है, वहां सिर्फ ग्रीन पटाखे ही बेचे जा सकते हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने पुलिस को 30 नवंबर तक आदेश का सख्ती से पालन करवाने का निर्देश दिया है।