विलियमसन के 45 गेंदों में तेज 67 रन के बावजूद दिल्ली कैपिटल्स ने दूसरे क्वालीफायर में हैदराबाद को 17 रन से हराकर आईपीएल फाइनल में जगह बनाई। विषम परिस्थितियों में खेली गई कीवी कप्तान की इस पारी को लंबे समय तक याद रखा जाएगा।
सनराइजर्स हैदराबाद के शीर्ष बल्लेबाज केन विलियमसन का कहना है कि आईपीएल फाइनल में नहीं पहुंच पाना ‘शर्मनाक’ रहा, लेकिन टूर्नामेंट के शुरूआती चरण में खराब प्रदर्शन के बाद प्लेआफ में पहुंची उनकी टीम इस वापसी पर गर्व कर सकती है।
मौजूदा सीजन में विलियमसन अलग-अलग किरदार निभाते नजर आए। शुरुआती कुछ मुकाबलों में टीम संयोजन के चलते उन्हें प्लेइंग इलेवन से बाहर किया गया। बाद में वह सलामी बल्लेबाजी, नंबर तीन, मध्यक्रम और फिर फिनिशर का भी रोल बखूबी निभाते नजर आए।
मौजूदा सीजन में 16 में से सिर्फ 12 ही मैच खेलने वाले केन ने 45.28 की अच्छी औसत से 317 रन बनाए। स्ट्राइक रेट भी पिछले सीजन से बेहतर था। केन ने मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘दिल्ली की टीम बहुत अच्छी है। लक्ष्य का पीछा करते हुए जोखिम लेना जरूरी था। हमारी शुरूआत अच्छी नहीं रही थी, लेकिन बीच में हम साझेदारी बनाने में कामयाब रहे।
सनराइजर्स हैदराबाद के लिए यह अच्छा सत्र रहा। युवा और अनुभवी खिलाड़ियों का अच्छा तालमेल था। युवाओं को कई मौके मिले जो उनके और टीम के भविष्य के लिए अच्छे है। कप्तान वार्नर ने टीम के क्षेत्ररक्षण को देखकर स्वीकार किया कि इस तरह के लचर प्रदर्शन से वे टूर्नामेंट जीतने के हकदार नहीं थे।
वार्नर ने सनराइजर्स की 17 रन से हार के बाद कहा, ‘अगर आप कैच छोड़ते हो और मौके गंवाते हो तो फिर जीत हासिल नहीं कर सकते हो। मुझे लगता है कि गेंदबाजी और बल्लेबाजी में खराब शुरुआत के बाद हमने वापसी की, लेकिन क्षेत्ररक्षण में हमारा रवैया हार का कारण बना। चोटें भी मसला रही लेकिन आपको इसके साथ आगे बढ़ना होता है।
दिल्ली के दोनों सलामी बल्लेबाजों मार्कस स्टोइनिस और शिखर धवन के कैच छूटे जबकि कुछ आसान रन भी दिए गए। दिल्ली ने इसका फायदा उठाकर तीन विकेट पर 189 रन बनाए, इसके जवाब में सनराइजर्स आठ विकेट पर 172 रन ही बना पाया।